डीएनयु टाईम्स (संजय यादव , बड़वानी)
इंदौर 27 अप्रैल। कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लाकडाऊन के पहले बड़वानी जिला के आदिवासी बहुल चितावद ग्राम के मजदूरों को रोजी रोटी के कोई चिंता नहीं थी। लेकिन लाकडाऊन के बाद जब बाहर निकलने पर पाबंदी लगा
दी गई तो श्रीमती मुन्नी प्रेमलाल, श्रीमती हीरू बाई कमल, ज्ञानसिंह भागीरथ, संतोष मांगीलाल, मायाराम गंगाराम सहित गाँव के अनेक गरीब और मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया। आज सुबह जब सरपंच श्री राजू सोलंकी ने उन्हे बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत बिना राशन कार्ड के ही उनको 4 किलो गेंहू और 1 किलो चावल प्रति सदस्य के मान से राशन निशुल्क दिया जाएगा तो उन्हें सहसा विश्वास नहीं हुआ। जब शासकीय उचित मूल्य की दुकान खुली और उन्हें परिवार के सदस्यों की संख्या के अनुसार गेंहू और चावल प्राप्त हो गया तो उनके चेहरे पर खिली खुशी अलग
ही नजर आ रही थी। चितावद के सरपंच श्री राजू सोलंकी ने बताया कि गाँव में राशन कार्डधारी 222 हितग्राही हैं जिन्हें तीन तीन महीने का राशन दे दिया गया है। गाँव के बिना राशन कार्ड वाले 32 गरीबों को सूचना दे दी गई है और आज से ही प्रति सदस्य 4 किलो गेंहू और 1 किलो चावल की दर से वितरण का काम शुरू हो गया है । शासकीय उचित मूल्य की दुकान के सहायक विक्रेता श्री राजेन्द्र यादव ने बताया कि राशन कार्डधारी हितग्राहियों को अप्रैल और मई के दौरान परिवार में प्रति सदस्य के मान से पाँच – पाँच किलो चावल निशुल्क दिया जाएगा। बिना राशन कार्ड वाले 32 गरीबों को सरपंच श्री सोलंकी ने कूपन सौंपे जिसके जरिये वे शासकीय उचित मूल्य की दुकान से राशन
प्राप्त कर सकें।