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मध्यप्रदेश में खनिज उद्योग के लिए अपार खनिज उपलब्ध – इंदौर में चतुर्थ राष्ट्रीय माइनिंग कानक्लेव में मुख्यमंत्री बोले

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*इंदौर:-बाबा यादव*
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने चतुर्थ राष्ट्रीय मिलरल्स कानक्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में खनिज संसाधन की व्यापक संभावनाएं हैं। वर्तमान में भी खनिज के मामले में देश के 10 प्रमुख राज्यों में से एक हैं। खनिज की खुदाई करते समय हमें पर्यावरण और वन का विशेष ध्यान रखना होगा। खदान नीलामी में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया चल रही हैं। मध्यप्रदेश में जल, जंगल, जमीन और खनिज बहुतायत हैं।
उन्होने कहा कि हमें खदानों की नीलामी और खुदाई को बढ़ावा देना होगा, इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। खदानों माध्यम से हम प्रकृति का दोहन कर सकते है लेकिन शोषण नहीं कर सकते। मध्यप्रदेश में खदानों के लिए सिंगल विन्डो प्रणाली लागू की गई हैं। मध्यप्रदेश में खनिज उद्योग के लिए अपार खनिज उपलब्ध हैं। देश में मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है, जो सभी राज्य के नागरिकों को आत्मसात करने की क्षमता रखता हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय खनिज मंत्री नरेंन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि भारत में खनिज और जनसंख्या बहुत अधिक हैं। खनिज का दोहन करके हम बेरोजगारी मिटा सकते हैं। देश के कुल क्षेत्रफल का एक चौथाई भाग में खनिज उपलब्ध हैं। हमें इस सम्मेलन के माध्यम से खनिज संसाधनों को प्रचार-प्रसार करना हैं तथा खनिज नीलामी में व्यवसायियों में प्रतिस्पर्धा पैदा करना हैं, जिससे भारत सरकार को अधिकाधिक आय हो। देश में पिछले 4 वर्षों में 43 खनिज ब्लाकों की नीलामी हो चुकी हैं, जिससे भारत सरकार को आने वाले वर्षों में 1 लाख 55 हजार करोड़ रूपये की आय होगी। खनिज दोहन और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाकर चलना होगा, जिससे पर्यावरण प्रेमी हमारे ऊपर आरोप न लगा सके।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय खनिज राज्य मंत्री हरिभाऊ चौधरी ने कहा कि पिछले चार वर्षों में नई नीतियों के कारण खदानों की नीलामी में पारदर्शिता आई हैं। राज्य सरकारों को खनिज से 2 लाख रूपये की रॉयल्टी मिलने वाली हैं। खनिज मंत्रालय द्वारा खनिज के नये क्षेत्रों की तलाश की जा रही हैं। आज इस सम्मेलन में प्राप्त सुझावों को परीक्षण उपरांत राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि हमें जीडीपी 7.5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत ले जाना हैं। हमें खनिज उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार भी पैदा करना होगा। खनिज उत्पादन ‘मेक इन इंडिया’ का अभिन्न अंग हैं। मशीनीकरण के इस युग में पर्यावरण प्रदूषण भी कम से कम हो रहा हैं। हमारे पास इतना अधिक खनिज है कि 600 साल तक खत्म नहीं होगा। चीन की तरह हमें भी खनिज से राष्ट्रीय आय का 10 प्रतिशत भाग प्राप्त करना जरूरी हैं। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा देश में 2 लाख हेक्टेयर नई खदानों की खोज की जा रही हैं। खदान उद्योग की रीढ़ हैं। अधिकांश उद्योग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से खदानों पर निर्भर हैं। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन खनिज मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने किया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश खनिज निगम के अध्यक्ष शिव चौबे, 21 राज्यों के खनिज मंत्री, महापौर श्रीमती मालिनी गौड सहित गणमान्य नागरिक और खनिज उत्पादन कंपनियों के सीईओ और सीएमडी मौजूद थे।

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