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*रक्षाबंधन पर ब्रह्म मुहूर्त में खजराना गणेश को भगवान सूर्य की राखी बांधी*

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*रक्षाबंधन पर ब्रह्म मुहूर्त में खजराना गणेश को भगवान सूर्य की राखी बांधी*

*इंदौर:-बाबा-9926010420*
पिछले सत्रह वर्षो की परंपरा को कायम रखते हुए अठाहरवे वर्ष में कोरोना संक्रमण से उपजी असामान्य परिस्थितियों के बावजूद इंदौर शहर के जरी गोटा व्यवसायी पालरेचा परिवार द्वारा भगवान सूर्य नारायण को केंद्र में रख बारह ज्योतिर्लिंगों को समाहित कर अष्ट धातु से निर्मित झिलमिलाती राखी खजराना गणेशजी को रक्षाबंधन पर्व पर समर्पित की गई। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस बार सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए यह राखी मंदिरों के पुजारी को रक्षा बंधन से पूर्व ही सौंपी गई थी । इंदौर में खजराना गणेश के लिए रखी 1 अगस्त शनिवार को ही मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित मोहन भट्ट को पालरेचा बंधु ने सौंपी थी जिसे आज पंडितो ने भगवान को  रक्षाबंधन के दिन बांधी।  इसी प्रकार की अन्य राखियां उज्जैन में महाकाल, चिंतामन गणेश, मुम्बई के सिद्धि विनायक इंदौर के बड़ा गणपति, वीर आलीजा हनुमान मंदिर सहित 11 मंदिरों में पुजारियों को सौंपी गई थी। जिसे रक्षाबंधन पर्व पर बांधी गई।
पालरेचा परिवार के शान्तु व पुण्डरीक पालरेचा ने बताया कि हमारे परिवार द्वारा भगवान को बड़ी राखी समर्पित करने का यह संकल्प 17 वर्षों से भगवान की ही कृपा से निभाया जा रहा है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के काल मे परिस्थितियां बिल्कुल भिन्न हैं और इसी को केंद्र में रखकर भगवान सूर्य नारायण की राखी
तैयार की है। इस राखी से देश भर में यह संदेश दिया जाएगा कि जिस प्रकार अंधेरी रात के बाद सूर्य का उजाला आता है ठीक उसी प्रकार संसार के साथ ही देश और शहर से यह वैश्विक बीमारी भी जल्द ही समाप्त होगी और देश में इससे उपजी विपरीत परिस्थितियां भी जल्द ही अनुकूल होकर  जनजीवन अंधियारे से उजियारे व मृत्यु से जीवन की ओर पुनः अपने स्वरूप में लौटे, यही परमात्मा से मंगलकामना की भी की गई ।
पुण्डरीक पालरेचा  के अनुसार 40 बाय 40 इंच आकार की राखी अष्ट धातु से निर्मित की गई है। पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय के इसके केंद्र में भगवान सूर्य नारायण तथा उनके चारो ओर बारह ज्योतिर्लिंगों को स्थापित किया गया है। राखी की निर्माण सामग्री में हीरे मोती आदि नग नगीनो के साथ ही सोना, चांदी, पीतल, जस्ता आदि धातुओं का उपयोग किया गया है। सूर्य की किरणों को जरी के माध्यम से दर्शाया गया है।
राखी का निर्माण पिछले दो महीने से जारी था। इसमें पालीताना के कलाकारों के साथ ही परिवार के बच्चे व बुजुर्गों का भी सहयोग रहा।
पालरेचा बंधु के अनुसार पिछले 17 वर्षों से भगवान को राखी अर्पित करने की परंपरा का इस वर्ष अठाहरवा वर्ष रहेगा।
कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष आर्थिक तंगी के बावजूद भगवान की कृपा से यह कार्य सम्पन्न हुआ।

*यू ट्यूब व फेस बुक पर भी दर्शन*

खजराना गणेश मंदिर के पुजारी पंडित अशोक भट्ट के अनुसार मंदिर के भगवान दर्शन व आरती को फेसबुक व वाट्सएप ग्रुपों में भी करीब 70 हजार भक्तों के साथ रोजाना शेयर किया जाता है। रक्षाबंधन पर्व पर पालरेचा परिवार द्वारा अर्पित की जाने वाली भगवान सूर्य नारायण राखी को भी गणेश जी अर्पित करने का दृश्य यूट्यूब पर देखा जा सकेगा।

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