*इंदौर:-बाबा*
स्वच्छता अभियान के तहत निगम ने अब रहवासियों व व्यापारियों की हिदायत दी कि वे कचरा गाडिय़ों में गीला और सूखा कचरा अलग ही फेंके। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ स्पाट फाइन किया जाएगा। यह फाइन एक हजार से पांच हजार तक रहेगा। स्वास्थ्य विभाग निरीक्षक डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि एक साल पहले निगम ने कचरा पेटियों को हटाते हुए उनके स्थान पर दो बॉक्स वाली कचरा गाडिय़ां शुरू की है। इसमें एक बॉक्स में गीला व दूसरे बाक्स में सूखा कचरा लिया जाता है। कचरा लेने के लिए गाडिय़ों के साथ बाकायदा सफाई कामगार भी चलता है। इसके कुछ दिन बाद गाड़ी के पीछे हिस्से में एक अन्य बाक्स लगा दिया गया। इसमें डायपर, सेनेटरी नेपकीन के साथ जहरीली दवाइयां फेंकना तय किया गया। गाडिय़ों में अधिकांशतया गीला और सूखा कचरा ही संग्रहित हो रहा है। निगमायुक्त मनीषसिंह के इंदौर से जाते ही नवागत आयुक्त आशीषसिंह ने इस मामले में गंभीरता दिखाना बंद कर दिया है। हालांकि, इंदौर को सफाई मामले में दो बार नंंबर वन का पुरस्कार मिल चुका है। महापौर मालिनी गौड़ इसे पूर्ववत बनाए रखना चाहती है। यही कारण है कि वह समय-समय पर अधिकारियो ंसे सफाई मामले में फीडबैक लेती रहती है। कहीं भी लापरवाही मिलने पर तत्काल संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई की जाती है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए अब महापौर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि गीला और सूखा कचरा एक ही बाक्स में फेंकने वालों को सबक सीखाने दंड वसूला जाएगा। दंड की राशि रहवासियों से एक हजार व व्यापारियों से पांच हजार रुपए ली जाएगी। दंड लेने का जिम्मा क्षेत्र के दरोगा, सीएसआई व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सौंपा गया है। ये रोजाना अपने-अपने क्षेत्र में कार्रवाई कर न सिर्फ लोगों को सुधारेंगे, बल्कि प्रतिदिन की समीक्षा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के देंगे। इसके बाद भी जिन गाडिय़ों के बाक्स में गीला सूखा कचरा एक ही बाक्स में मिला उस क्षेत्र के दरोगा पर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।