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Home / मध्य प्रदेश / इंदौर / *लूट एवं चोरी करने वाली शातिर अंतर्राज्यीय गैंग का खुलासा, 02 सदस्य क्राईम ब्रांच इंदौर की गिरफ्त में, ओड़िशा के गिरोह, म0प्र0, उ0प्र0, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र एवं राजस्थान सहित कई राज्यों में दे रही थी लूट एवं चोरी की वारदातों को अंजाम।* *आरोपियों सेे इंदौर की 04 सनसनीखेज वारदातों का हुआ खुलासा, अन्य वारदातों के संबंध में पूछताछ जारी।*

*लूट एवं चोरी करने वाली शातिर अंतर्राज्यीय गैंग का खुलासा, 02 सदस्य क्राईम ब्रांच इंदौर की गिरफ्त में, ओड़िशा के गिरोह, म0प्र0, उ0प्र0, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र एवं राजस्थान सहित कई राज्यों में दे रही थी लूट एवं चोरी की वारदातों को अंजाम।* *आरोपियों सेे इंदौर की 04 सनसनीखेज वारदातों का हुआ खुलासा, अन्य वारदातों के संबंध में पूछताछ जारी।*

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*शातिर गिरोह, वारदात करने के लिये अपनाते हैं कई तरह के हथकण्डे।*

*दर्जनों लोगों की है गिरोह, सभी के पास हैं अलग अलग नाम के कूटरचित अनेकों फर्जी परिचय पत्र।*

*इंदौर:-बाबा*
*आरोपीगण लूट करने के लिये करते थे मंहगी रेसिंग बाईक का प्रयोग। आरोपीगण जिस शहर में वारदात देने के लिये योजना बनाते, वहाँ रेसिंग बाईक को  कटक रेलवे स्टेशन से बुकिंग कराकर भेजते थे। चोरी व लूट के लिये घटना में प्रयोग किये जाने वाहनों पर गलत नंबर प्लेट का करते थे इस्तेमाल। आरोपियों के विरूद्ध हैं दर्जनों अपराध, गिरोह के अन्य साथी कई राज्यों से चल रहे हैं फरार। वारदात करने वाले शहर में किराये पर मकान लेते थे आरोपी, कपड़ा बेचने वाले व्यापारी बनकर शहर में रैकी करती थी गिरोह। घटना स्थलों की रैकी करने के लिए अपने साथ कपङे की पोटलियाँ लेकर फेरी लगाते थे आरोपी ।आरोपियों से लगभग 05 लाख का मश्रूका हुआ बरामद।*
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र इंदौर (शहर) व्दारा संपत्ति सबंधी वारदातों पर अंकुश पाने, तथा पूर्व में घटित हुई घटनाओं के अज्ञात आरोपियों तथा गिरोहों की पतारसी कर उनकी धरपकड़ करने हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देशो के तारतम्य मे पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री सूरज वर्मा के मार्गदर्शन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध) श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्राईम ब्रांच की एक स्पेशल टीम का गठन किया जाकर  उसको अज्ञात लूट तथा चोरी/डकैती की वारदातों को अंजाम देने वाली अज्ञात गिरोहों की पहचान सुनिश्चितत कर उनकी धरपकड़ करने हेतु समुचित दिशानिर्देश दिए गए थे ।

            इसी अनुक्रम मे क्राइम ब्रांच की गठित टीम द्वारा थाना जूनी इंदौर के अप.क्र 252/19 धारा 379 भादवि, थाना किशनगंज के अप.क्र 270/19 धारा 379 भादवि , थाना सांवेर के अप.क्र.  249/19 धारा 379 भादवि एवं थाना बङगौंदा के अप.क्र. 181/19 धारा 392 भादवि  तथा अन्य घटनाओ के घटना स्थल से तकनीकी जानकारी तथा फुटेज आदि प्राप्त कर उनका गहन अध्ययन किया जाकर यह ज्ञात किया गया कि उपरोक्त वारदातों को अंजाम देने वाले संदिग्ध उड़ीसा राज्य के रहवासी हो सकते हैं। मैदानी स्तर पर क्राइम ब्रांच की द्वारा कई महीनों तक उपरोक्त घटनाओ के  संबंध में गहन अध्ययन किया जाकर गिरोह के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण सुराग हासिल किये जिसके परिपेक्ष्य में यह शंका जाहिर हुई कि घटनाओं को अंजाम देने वाली गिरोह, जाजपुर ओड़िशा से आई थी।

         वरिष्ठ अधिकारियों के दिशानिर्देशानुसार क्राईम ब्रांच की टीम थाना सांवेर पुलिस के साथ आरोपियों की तलाश में जाजपुर, ओड़िशा रवाना हुई जहां करीबन 02 सप्ताह तक गिरोह के संबंध में क्षेत्रीय स्तर पर सूचना संकलन कर, संदिग्धों की तलाश की गई, मेहनत व लगन से कार्य करते हुये पुलिस टीम ने आरेापियों का भौतिक सत्यापन कर उनकी पहचान सुनिश्चित कर ली जिनके निवास स्थलों पर दविश देने पर पुलिस टीम को ज्ञात हुआ कि वे अपने घरों से रवाना होकर पुनः वारदातें करने की नियत से म0प्र0 निकले हैं। टीम ने आरोपियों के संबंध में लगातार सूचना संकलित करते हुये यह ज्ञात किया कि वह पुनः इंदौर वारदातें करने के लिये पहुँचे है जिसकी पतारसी कर, आरोपीगण 1. मनोज दास पिता विजयदास उम्र 20 साल जाति केला निवासी मुण्डमाल जिला जाजपुर (उङीसा) एवं आरोपी 2. सतीश दास पिता स्व0 रामदास निवासी ग्राम पूर्वाकोट थाना कोरई जिला जाजपुर (उङीसा) को मालवा ढाबा सांवेर रोड बायपास पर से पकड़ा गया जिनकी तलाशी लेने पर आरोपी सतीश के कब्जे से सोने की अंगूठी, 02 जोड़े सोने की बालियां, 01 जोड़ सोने की झुमकी, 01 जोड़ सोने के कान के टाप्स, सोने का बना हुआ मंगलसूत्र,  पेण्डल तीन जोड़ी चांदी की पायजेब, सत्तरह जोड़ बिछिया, बरामद हुये तथा आरोपी मनोज के कब्जे से 03 जोड़ बड़ी पायजेब, हाथकड़ा, 14 जोड़ बिछिया, 01 सोने का पेण्डल, 01 सोने की अंगूटी, सोने से कान के कुण्डल च लटकन, बरामद हये हैं। इस प्रकार दोनों आरोपियों के कब्जे से कुल कीमती मश्रूका लगभग 05 लाख रूपये का बरामद किया जाकर दोनों आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में लिया जाकर, विस्तृत पूछताछ की गई।

             आरोपियों से, थाना जूनी इंदौर अपराध क्रमांक 252/19 धारा 379 भादवि की वारदात का भी खुलासा हुआ है जिसमें आरोपियों ने स्टील व्यापारी की कार को पंचर होना बताकर उसे उलझा दिया था तथा 27, 25, 000/- रू से भराद बैग लेकर गायब हो गये थे। थाना किषनगंज  के अप0 क्र0 270/19 धारा 379 भादवि में विल्डर व ट्रांसपोर्ट व्यापारी की कार का कांच तोड़कर 12 लाख 30 हजार रूपये से भरा बैग गायब करने की वारदात का भी खुलासा हुआ है। थाना सांवेर में ज्वैलरी की दुकान में लगे ताले में फेवीकोल डालकर मालिक को ताला खोलने में उलझाया तथा उसका बैग लेकर आरेापीगण भाग गये थे जिसमें लगभग 10 लाख रूपये की ज्वैलरी हुई थी। आरोपियों ने धार जिले में भी एक ज्वैलर्स के यहां वारदात करना कबूला। उपरोक्त दोनों आरोपियों ने वारदातों में शामिल सभी आरोपियों के नाम पुलिस को बताये हैं जिनकी तलाश की जा रही है जिनके कुछ साथी उ0प्र0 के झांसी, बांदा, कानपुर, भरतपुर आदि जगहों पर पकड़े भी जा चुके हैं इस संबंध में तस्दीक की जाकर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि सभी आरेापियों के विरूद्ध दर्जनों अपराध विभिन्न राज्यों में पंजीबद्ध है तथा कई प्रकरणों में यह फरार चल रहे हैं।

         पूछताछ में बहुत ही चौकाने वाले तथ्य सामने आये जिसमें दोनों आरोपियों ने बताया कि  चोरी करने के उद्देशय से उनकी दो टीमें रवाना हुई थी जिसमें 04-04 लोगों के दो अलग अलग गुट थे, आरोपियों ने मोटरसाइकिलें कटक से उज्जेन के लिए बुक कराई थी। उज्जैन आकर गिरोह ने दो पहिया वाहन प्राप्त किये तथा किराये का मकान लेकर उज्जैन में ही रहने का आशियाना बनाया। तत्समय आरोपीगणों ने उज्जैन व आसपास के जिलों मे चोरी व लूट की वारदातों को अंजाम देना बताया। दोनों आरोंपियों ने बताया कि जाजपुर ओड़िशा से आये हुये एशू, एशाराव, राजू, शिवा उर्फ करन भी इनके साथ घटनायें करते थे तथा गैंग का मुखिया एवं संचालन कर्ता बिज्जू है जोकि पूर्वाकोट ओड़िशा का रहना वाला है, सरगना गिरोह के सदस्यों को फर्जी सिम, की-पैड वाले सस्ते मोबाइल तथा गैंग के सदस्यों की मोटरसाइकिलों को बुक कराना, सदस्यों के आने जाने के टिकिट कराना एव इंटरनेट के माध्यम से वारदात करने की जगह का लोकेशन बताना एवं नकली दस्तावेज बनाकर रुकने आदि के सारे खर्चों का वहन करने संबंधी कार्य भी करता है। गिरोह के सभी सदस्य घटनाओं से प्राप्त मश्रूका व राशि को बिज्जू को सौंप देते थे बाद जेवरातों को बेचने का कार्य बिज्जू द्वारा ही किया जाता है एवं हिस्सा बंटवारा भी खर्च काटकर, ज्यादा हिस्सा रखकर, कार्यशैली के हिसाब से गैंग के सदस्यो को बांटा जाता है, पकङे जाने पर आरोपियो को छुङाना, वकील करना तथा पकङे गये आरोपियों के परिवार का भरणपोषण करने का कार्य भी बिज्जू के द्वारा ही किया जाता है इसी प्रकार से पूर्वाकोट ओड़िशा की कई गैंग सक्रिय हैं, जिसमें करीब 200 से 250 लोग पूरे भारत में अलग-अलग तरीके की लूट, चोरी, डकैती आदि की वारदातों को अंजाम देते हैं। आरोपीगण इतने शातिर है कि मोबाईल फोन का एक बार उपयोग कर, वर्षों के लिये बंद कर लेते हैं तथा अन्य वारदात में नया फोन तथा नई फर्जी सिम का उपयोग करते हैं इसीलिये ये हमेशा सस्ती कीमत के कीपैड फोन रखते थे।गिरोह, ज्वेलरी की दुकान की रैकी, सुबह दूकान खुलने के पूर्व लगभग दो-तीन दिनों तक करती है जिसमें दुकान के खुलने बंद होने का समय एवं दुकान खोलने वाले व्यक्तियों की संख्या उनके व्दारा ज्वेलरी से भरा बैग लाया जाता है या नहीं आदि की रैकी करते हैं। संबंधित दुकान की पूरी जानकारी संकलित करने के पश्चात पूरी गैंग मो.सा. के साथ दुकान के आसपास सक्रिय हो जाती थी,  उनमे से एक व्यक्ती दुकान मे लगे तालों मे लकड़ी या फेविकोल डाल देता था जिससे दुकानदार अपने साथ लाये गये जेवरों से भरा बेग पास मे रख कर ताला खोलने की कोशिश करने लगता है, जिससे दुकानदार का पूरा ध्यान ताले पर ही रहता है, उसी का फायदा उठाकर आरोपीगण मे से बैग उठा कर,  रफूचक्कर हो जाते थे।    गिरोह, व्यापारियों को लूटने, ज्वैलरी शॉप में चोरी करने, चार पहिया वाहनों के कांच तोड़कर, उनमें से बैंग चुराने, बैंकों में आने जाने वाले ऐसे लोग जिनके पास रकम हो उनकी रैकी कर, रास्ते में लूटने संबंधी वारदातों कां अंजाम देती है। आरोपीगण कभी कभी वारदात को अंजाम देने के लिये आपस मे लडाई झगडा करने लगते है, जिससे कार मे बैठे व्यक्ति का ध्यान भंग हो जाता है, और आरोपीगणों मे कोई एक व्यक्ती उसकी कार से बेग चुरा लेता है।आरोपीगणों की गैंग जिस शहर मे किराये का मकान लेकर रहती है, उस शहर में तथा आसपास के इलाकों मे लगातार कई महीनो तक वारदात करती है। इस बीच मे यदि वारदात करने मे सफलता नहीं मिलती है तो ये लोग अपने खर्चे के लिये चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं को भी अंजाम देते थे। गिरोह की वारदातों में सभी आरोपियों के नाम पता ज्ञात हो चुके हैं जिनकी पहचान सुनिश्चित  होने से उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।

*01 – जूनी इंदौर 252/19 धारा 379 भादवि दिनांक 22.05.2019 27,लाख 25 हजार*

*02 – सांवेर 249/19 धारा 379 भादवि दिनांक 12.06.2019 10 लाख लगभग*

*03 – किशनगंज 270/19 धारा 379 भादवि दिनांक 24.06.2019 मशरूका 12 लाख 30 हजार*

*04 – बढगौदां 181/19 392 भादवि दिनांक 14.06.2019 मशरूका 20 हजार व 02 मोबाईल*

इसके अलावा थाना पीथमपुर व इण्डोरामा की भी घटनाओं को आरेापियों ने कबूला है। इसी प्रकार की तरीका वारदात के आधार पर अन्य जिलों में कारित की गई घटनाओं के संबंध में जानकारी ज्ञात की जा रही है।

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