*विघ्नहर्ता गणेश जी पर कराई हिंदीभाषा डॉट कॉम ने 18 वीं स्पर्धा*
*गोपाल चंद्र मुखर्जी-डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय ‘आलोक’ प्रथम और प्रीति शर्मा असीम-डॉ. पूर्णिमा मंडलोई बने द्वितीय विजेता*
इंदौर। हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा सतत मासिक स्पर्धा की श्रृंखला जारी है। इसी निमित्त आयोजित ‘विघ्नहर्ता गणेश जी’ स्पर्धा में पद्य वर्ग में प्रथम विजेता गोपाल चंद्र मुखर्जी तथा द्वितीय विजेता प्रीति शर्मा `असीम` बने हैं। ऐसे ही गद्य में डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय ‘आलोक’ को प्रथम और डॉ. पूर्णिमा मंडलोई को द्वितीय स्थान मिला है।
मंच-परिवार की सह- सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने यह जानकारी दी। आपके मुताबिक 18 अगस्त 2020 को ‘विघ्नहर्ता गणेश जी’ विषय पर उक्त 18 वीं विशेष स्पर्धा में भी रचनाकारों ने काफी उत्साह दिखाया। मानकों का ध्यान रखते हुए चुनिंदा प्रविष्टियों को प्रकाशन में लेकर उत्कृष्टता अनुसार निर्णायक ने विभिन्न बिन्दुओं पर निर्णय जारी किया है। इसके अनुसार पद्य विधा में रचनाशिल्पी प्रथम विजेता छग के गोपाल चंद्र मुखर्जी(गणेश वन्दनम) तथा द्वितीय विजेता हिमाचल से प्रीति शर्मा `असीम`(श्री गणेशा)बने हैं। आपने बताया कि,पद्य वर्ग में तीसरा यानि विशेष स्थान छग की रचनाशिल्पी देवश्री गोयल (गणनायक बनने के लिए)को प्राप्त हुआ है। श्रीमती जैन ने बताया कि,गद्य के अन्तर्गत इस बार पहला स्थान डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय ‘आलोक’ (उत्तराखण्ड) की रचना-‘प्रकृति संरक्षक व दिव्यजन के प्रतीक’ ने पाया है,जबकि डॉ. पूर्णिमा मंडलोई (मप्र)ने इस बार भी जीत का क्रम कायम रखते हुए दूसरा स्थान(मूलाधार स्थित विघ्नहर्ता गणेश) प्राप्त किया है। गद्य में ही तृतीय यानी विशेष स्थान पर मनोरमा जोशी ‘मनु'(इन्दौर)की रचना-‘विघ्नहर्ता गणेशा’ विजेता बनी है।
सभी विजेताओं और सहभागियों को संयोजक सम्पादक प्रो. डॉ. सोनाली सिंह एवं प्रचार प्रमुख सुश्री नमिता दुबे ने हार्दिक शुभकामनाएं-बधाई दी है। ज्ञात हो कि, संस्थापक- सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’, सह सम्पादक अर्चना जैन और संयोजक सम्पादक डॉ. सोनाली नरगुन्दे की अथक मेहनत और हिंदीभाषा डॉट कॉम की अनवरत यात्रा,पोस्ट कार्ड अभियान, विद्यालयों एवं मंच पर स्पर्धा आदि से अब तक 72 लाख लोगों ने यहां भ्रमण करके मंच को अपना आशीष दिया है। यहाँ गुजरात,असम,राजस्थान, महाराष्ट्र,पश्चिम बंगाल, झारखंड, दिल्ली,मध्यप्रदेश,बिहार और छत्तीसगढ़ आदि कई राज्यों से हर आयु के सैकड़ों रचनाकार जुड़े हुए हैं। मात्र 30 माह में 72 लाख पाठकों तक पहुंच चुके इस मंच (www.hindibhashaa.com) को साहित्य सेवा के अन्तर्गत पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कनाडा और राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना संस्था सहित 5 सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।