*इंदौर:-बाबा*
आंगनवाडिय़ों में प्री-स्कूल खोला जाना प्रस्तावित है। इसमें स्कूल की तरह बच्चों को ककहरा सीखाएगी। इसकी सारी तैयारियां हो चुकी है। प्री-स्कूल खोले जाने से बच्चों को स्कूलों में जाने में आसानी होगी। प्री-स्कूल के लिए आवश्यक सामग्री जुटाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। अगले कुछ दिनों में आंगनवाडिय़ों में प्री-स्कूल खुल जाएंगे।
महिला बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आमतौर पर छोटे बच्चे स्कूल जाने के नाम पर रोते हैं। माता-पिता जैसे-तैसे उन्हें स्कूल की दहलीज तक पहुंचाते हैं। वहीं कुछ बच्चे मुस्कुराते हुए स्कूल तक पहुंच जाते हैं। बच्चे बिना शोरगुल व रोए स्कूल तक पहुंचे, इसके लिए आंगनवाड़ी की बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। अभी तक आंगनवाडिय़ों में 1 से 4 वर्ष तक के बच्चों को खेलकूद के साथ पोषण आहार दिया जाता है। समय-समय पर कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करते हैं। वर्तमान में शहर में 200 से अधिक आंगनवाडिय़ां हैं। जहां की जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को सौंपी गई है। कार्यकर्ताएं व सहायिकाओं की नियुक्ति हाईस्कूल, हायरसेकेंडरी उत्तीर्ण होने पर होती है। वे छोटे बच्चों को पढ़ा सकती है। इसे देखते हुए महिला बाल विकास विभाग ने तय किया है कि इन कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को अब बच्चों की पढ़ाई में भी सहयोग करना होगा।
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