*इन्दौर:-राजेश शर्मा*
हिन्दू धर्म संस्कृति के प्रमुख त्योहारों में एक जन्माष्टमी के पावन अवसर पर सोशल मीडिया पर भगवान श्रीकृष्ण को लेकर एक जैसे उल्टे सीधे मैसेज धड़ल्ले से चलाए गए । बावजूद इसके की कई जागरूक लोगों के विरोध के बाद भी । हाल ही में चांद छठ यानि उप छठ के पावन पर्व के अवसर पर शहर के अतिप्राचीन होल्कर कालीन गोपाल मंदिर में बजे फ़िल्म लावारिस की बेहद अश्लील और फूहड़ धुन बजाई गई । और इसका विरोध वहाँ मौजूद किसी भी व्यक्ति ने करना उचित नहीं समझा । यह पहला मौका नहीं है जब हिन्दू धर्म संस्कृति का मखौल नहीं उड़ा हो । हमारे देवी देवताओं की तुलना कई चाटुकार राजनेताओं से कर देते हैं तो कई देवी देवताओं की तस्वीर पर नेताओं और नेत्रियों के चेहरे लगा देते हैं । हम जहाँ हिन्दू धर्म संस्कृति के सम्मान की बात करते हैं ऐसे समय क्यों चुप्पी साध लेते हैं ?
एक ओर हम धर्म रक्षक बनने का दावा करते है वहीं दूसरी ओर ऐसे बेहद शर्मनाक प्रदर्शन , वो भी धार्मिक अवसरों पर हमारी धर्म संस्कृति को शर्मसार कर देते हैं । अब जब कि हम पहले की अपेक्षा बहुत अधिक जागरूक हो चुके हैं , ऐसे मामलों में न सिर्फ विरोध दर्ज करने के बल्कि इन पर सख्ती से अंकुश लगाने के सामूहिक प्रयास करने चाहिए ताकि हमारी धर्म संस्कृति की गरिमा अक्षुण्ण रह सके ।
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