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शहर में तीन नए झोनों का स्थान लगभग तय आबादी के मान से करेंगे विस्तार, कामों का बंटवारा भी किया

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*इंदौर:-बाबा यादव*
शहर की बढ़ती आबादी के चलते निगम ने एक बार फिर झोनों के बंटवारे पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है। महापौर मालिनी गौड़ की धोषणा के बाद इसे अधिकारी मूर्त रुप देने में लग गए हैं। नए झोन कब अस्तित्व में आएंगे, यह कहना अभी मुश्किल  है। मगर महापौर ने पहले ही सारा खाका तैयार कर दिया। शहर को चार साल पहले ८५ वार्डों में बांटा गया था। इसमें २९ गांवों को भी नगर निगम सीमा में लिया गया था। हालांकि वहां अभी तक बड़े पैमाने पर विकास कार्य नहीं हो सके हैं। इन गांवों में अगली बार सरपंच नहीं बल्कि पार्षद चुनकर जाएंगे। करीब डेढ़ साल पहले महापौर ने गांधीहाल में आयोजित परिषद की बैठक में घोषणा की थी कि शहर में वर्तमान में १९ झोन हैं। कई झोन क्षेत्रों से काफी दूर हैं, जिससे लोगों को परेशानी आती है। खासकर वे लोग जो समस्या के निराकरण व शासकीय योजनाओं के लाभ लेने पहुंचते हैं और मौके पर अधिकारी नहीं मिलते तो निराश होकर लौटना पड़ता है। इससे पीडि़त लोगों के गुस्से का शिकार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को होना पड़़ता है। हालांकि, महापौर ने उक्त बैठक में स्पष्ट कर दिया था कि झोनों की न सिर्फ संख्या बढ़ाई जाएगी, बल्कि ऐसा प्रयास किया जाएगा कि लोगों को ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े। इसके बाद कुछ झोनों में कई वार्ड जोड़े गए थे,  अभी नए जोड़े गए वार्डों के काम पुराने जोनों पर ही हो रहे हैं। अगली निगम परिषद की बैठक में पुराने जोनों के वार्ड नए झोनों में विलय हो जाएंगे। निगम चुनाव में अभी करीब एक वर्ष का समय है। ऐसे में एक वर्ष ओर आमजन को दूर जाकरर जोनों पर काम करना मजबूरी बन जाएगा। उधर, महापौर की घोषणा के बाद नए जोनों के लिए जो स्थान तय किए गए हैं,उनमें खजराना, बाणगंगा के साथ निपानिया हैं। वर्तमान में तीनों स्थानों का काम दूर जाकर कराना पड़ता है। खजराना का जोन साकेत नगर, बाणगंगा का किला मैदान तथा निपानिया का विजयनगर है। इनकी दूरी ५ से ६ किलोमीटर तक रखी गई है।
यहां साधन का अभाव
निगम के वर्तमान में संचालित जोनों में कुछ ऐसे भी हैं,जहां तक लोकसेवा वाहन की पहुंच नहीं  है। नरवर स्थित जोन क्रमांक १७ इसका उदाहरण है। यहां तक दोपहिया वाहन से आना पड़ता है। नए झोनों में यह ध्यान रखा जाएगा कि जोन के नजदीक तक लोकसेवा वाहन पहुंच सकें।
३ से ४  किलोमीटर की दूरी
निगम के सूत्रों की मानें तो नए जोनों की दूरी ३ से ४ किलोमीटर रखी जाएगी। इतनी दूरी तक आमजन आसानी से पहुंच सकेंगे। कोशिश रहेगी कि दूरी में कुछ कटौती भी कर दी जाए। २२ जोन होने के बाद एक बार फिर जोनल अधिकारियों के कामों का बंटवारा किया जाएगा। कुछ भवन अधिकारी व निरीक्षकों को जोनल अधिकारी बनाया जाएगा।

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