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Home / Education / *शेष पीएससी चयनित ईमानदार सहा प्राध्यापकों को अविलम्ब पात्रता एवं नियमानुसार ससम्मान नियुक्ति देकर अनुग्रहीत करें l* *पुरुष चयनित सहायक प्राध्यापक नियुक्ति आशा की गमी में सर मुण्डवा कर भिखारी की भांति आपसे अनुनय विनय कर रहा है. महिला सहा प्राध्यापक सड़क पर आज अपने केश कटवाने और अपनी इज्जत की चोंटी कटवाने के मुहाने पर खड़ी हुई थीं। इन बुद्धिजीवियों की मांग जायज है.*

*शेष पीएससी चयनित ईमानदार सहा प्राध्यापकों को अविलम्ब पात्रता एवं नियमानुसार ससम्मान नियुक्ति देकर अनुग्रहीत करें l* *पुरुष चयनित सहायक प्राध्यापक नियुक्ति आशा की गमी में सर मुण्डवा कर भिखारी की भांति आपसे अनुनय विनय कर रहा है. महिला सहा प्राध्यापक सड़क पर आज अपने केश कटवाने और अपनी इज्जत की चोंटी कटवाने के मुहाने पर खड़ी हुई थीं। इन बुद्धिजीवियों की मांग जायज है.*

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*शेष पीएससी चयनित ईमानदार सहा प्राध्यापकों को  अविलम्ब पात्रता एवं नियमानुसार ससम्मान नियुक्ति देकर अनुग्रहीत करें l*

*पुरुष चयनित सहायक प्राध्यापक नियुक्ति आशा की गमी में सर मुण्डवा कर भिखारी की भांति आपसे अनुनय विनय कर रहा है. महिला सहा प्राध्यापक सड़क पर आज अपने केश कटवाने और अपनी इज्जत की चोंटी कटवाने के मुहाने पर खड़ी हुई थीं। इन बुद्धिजीवियों की मांग जायज है.*

उच्च शिक्षा विभाग म प्र शासन को एक उच्च शिक्षाविद का विनम्रता पूर्ण अनवरत  निवेदन
” PSC चयनित सभी सहायक प्राध्यापकों के  नियुक्ति पत्र जारी किये जाये ” पीएससी चयनित सहा प्राध्यापक संघ के सम्पूर्ण सदस्यों के लिये  (न्यायालय द्वारा भी अनुमोदित ) मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा मन्त्री एवं यशस्वी मुख्य मन्त्री ज़ी *शेष चयनित ईमानदार सहा प्राध्यापकों को  अविलम्ब पात्रता एवम नियमानुसार ससम्मान नियुक्ति देकर अनुग्रहीत करें l*
*पुरुष चयनित सहा प्राध्यापक नियुक्ति आशा की गमी में सर मुण्डवा कर भिखारी की भांति आपसे अनुनय विनय कर रहा है. महिला सहा प्राध्यापक सड़क पर आज अपने केश कटवाने और अपनी इज्जत की चोंटी कटवाने के मुहाने पर खड़ी हुई थीं . इन बुद्धिजीवियों की मांग जायज है.*
*दिसंबर के भोपाल के नीलम पार्क के प्रदर्शन में इनके सम्मुख शासन का कोई भी प्रतिनिधि क्यों नहीं पहुंचा.?* *यक्ष प्रश्न है*
इतिहास साक्षी है – सत्यमेव जयते. सत्य की सदैव जीत हुई है. आज भी होगी. शिक्षक की आह और आहातता से 2700 सहा प्राध्यापकों का अवचेतन मन जल कर भस्मीभूत हो रहा है. सहा प्राध्यापकों के अवचेतन मन होलिका जैसे उद्दीप्त प्रचण्ड अग्नि की धधकती ज्वाला में जल रहे हैं। 24 नवम्बर से *संविधान रक्षा पद यात्रा* महू से प्रारम्भ होकर भोपाल में पहुंचकर नीलम पार्क भोपाल में प्रचंड ठण्ड में चली .आश्वासन कोई भी कतई मान्य नहीं है। क्या आप चारों दिग्गज  महानुभावों को अभी तक इन सत्यार्थियों  के सत्याग्रह की अनुगूंज कानो में सुनायी नहीं दी है. इन शिक्षकों का शंखनाद असीम शक्ति शौर्य ऊर्जा सामर्थ्य और अपराजित गूंज का शंखनाद है ठीक योगेश्वर कृष्ण के शंख पांचजन्य की तरह और अर्जुन के शंख देवदत्त की तरह .नाद ही अचूक और विजय दिलाने वाला.  शिक्षकों का आन्दोलन कुंतीपुत्र अर्जुन के गांडीव धनुष की तरह उच्च सामर्थ्य युक्त है. गांडीव की प्रत्यंचा का मात्र नाद ही 18 अक्षोहिणी सेना में कपकपी पैदा कर रूह कपा देता था.
All is well that ends well.  *मैं म प्र से नि प्राध्यापकों एवम प्राचार्यो के पेंशनर्स वेलफेयर समूह के प्रमुख के रूप में आपसे सीधे वार्ता कर रहा हूं..*
जीत ईमानदार मानव का जन्म सिद्ध अधिकार है। मैं पुनः आप चारों प्रमुखों माननीय म प्र के यशस्वी मुख्य मन्त्री ज़ी उच्च शिक्षा के कर्णधार माननीय उच्च शिक्षा मन्त्री ज़ी, प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी महोदय, म प्र शासन और प्रिंसिपल सेक्रेटरी उच्च शिक्षा महोदय से पुनः निवेदन है कि देर आयद दुरुस्त आयद ही सही. इन्हें नियुक्ति पत्र देनें का अनुग्रह करें l मैंने उच्च शिक्षा में 43 वर्ष का अवदान दिया है.मैं इन ईमानदार सहा प्राध्यापक साथियों के साथ पूर्ण मनोयोग से तन मन और धन से समर्पित भाव से खड़ा हूं। आपको सविनय विश्व के सर्वोत्कृष्ट ग्रन्थ श्रीमद्भगवतगीता में सत्य की विजय को 700वें मन्त्र 18वें अध्याय के समापन मन्त्र में अभिव्यक्ति के साथ निवेदन कर रहा हूं  –
*श्री मद्भगवतगीता में  सफलता का महा मन्त्र अभिव्यक्त कर रहा हूँ l*
श्रीमद्भगवद्गीता में कुल 700 मन्त्र हैं। उनमें से मेरा सर्वाधिक प्रिय प्रेरक सकारात्मकता से ओतप्रोत जीवन में शास्वत सफलता का मन्त्र है –
*यत्र योगेश्वर: कृश्णो , यत्र पार्थो धनुर्धर : । तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवो नीतिर्मतिर्मम ।।*

अर्थात *जहां योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण हैं , और जहाँ गान्डीव धनुर्धारी अर्जुन (अर्जुन =निर्मल भक्त) है , वहीं पर श्री(सम्पन्नता=opulence), विजय ( =victory), विभूति                     (= exceptional-extra ordinary power) , और अचल नीति (morality) है।*
पांच ईमानदार पांडवों सम्मुख  असत्य दुर्योधन 18 अक्षोहिणी सेना सहित परास्त ही नहीं वरन जमींदोज़ हो गये थे l क्योंकि सत्य सदैव विजय होता है l
सत्य अजर अमर है. l
सत्यमेव जयते l
*डॉ तेजप्रकाश पूर्णानन्द व्यास 7987713115 से नि प्राचार्य, शासकीय राजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय धार*

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