Breaking News
Home / मध्य प्रदेश / इंदौर / सबसे प्रदूषित नदियों में कान्ह का देश में तीसरा नंबर

सबसे प्रदूषित नदियों में कान्ह का देश में तीसरा नंबर

Spread the love

*इंदौर:-बाबा यादव*
साफ़-सफाई में इंदौर देश का पहला शहर है। लेकिन, देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित नदियों की सूची में इंदौर तीसरे नंबर पर है। पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे के कार्यकाल से एनजीटी के निर्देश पर इदौर की कान्ह-सरस्वती नदी को प्रदूषण मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। मगर अधिकारियों की अनदेखी के कारण कान्ह-सरस्वती नदी को प्रदूषित होने से बचाया नहीं जा सका।
  केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के अधीन संचालित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने देश की 445 नदियों के जल का परीक्षण किया, तो उसमें इंदौर की कान्ह-सरस्वती नदी भी शामिल थी, जो देश के प्रदूषित नदियों की सूची में तीसरे नंबर पर है। पूर्व महापौर मोघे के कार्यकाल में इंदौर की कान्ह -सरस्वती नदी के सफाई अभियान की नींव रखी गई थी और पिछले 8 सालों से एनजीटी के निर्देश पर इंदौर की इन दोनों नदियों की सफाई का कार्य किया जा रहा है। शहर में कबीटखेडी पर 90 एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट बनाने और दो नए एसटीपी बनाने के बाद भी इंदौर की कान्ह-सरस्वती नदी का प्रदूषण 70 से बढकर 100 मिलीग्राम हो गया है।
  भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के अधीन संचालित केंद्रीय प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड की रिपोर्ट में यह तथ्य उभरकर सामने आए हैं । देश की 275 प्रदूषित नदियों को पांच  श्रेणियो में बांटा है । सबसे ज्यादा प्रदूषित प्रथम क्रम की 34 नदियों में मुंबई की मीठी नदी में 170, दिल्ली की यमुना 113, इंदौर की कान्ह – सरस्वती 70, गुजरात की साबरमती 46  मिलीग्राम प्रति लीटर बीडीओ मात्रा पाई गई । बीओडी का अर्थ है नदी के पानी में आॅक्सीजन की मात्रा। नदियों के पानी के सेंपल की जांच में पाया गया कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में गंगा का 17 और हरिद्वार में 5.8 बीओडी की मात्रा पाई गई। सामान्यत: अधिकतम बीओडी की मात्रा 30 होती है, जो कि कम प्रदूषित मानी जाती है।
  नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में चल रही याचिका की सुनवाई से इंदौर के नदियों कि सफाई कि मानिटरिग कमेटी में इसी साल 23 मई को अहिल्या आश्रम स्कूल के पास से नदी के पानी का जो सैंपल लिया गया उसमें बीओडी की मात्रा 70 से बढ़कर 100 मिलीग्राम पर लीटर पाई गई। इन्हीं रिपोर्टों के आधार पर इंदौर की नदियों को सर्वाधिक प्रदूषित होते हुए क्रिटिकल जोन में डालकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मॉनीटरिंग व सुधार के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया है।
   एनजीटी के आदेश आने के बाद प्रशासन सकते में आ गया। जो रिपोर्ट सामने आई है उसके आधार पर कलेक्टर निशांत वरवडे ने एनजीटी के आदेश पर गठित समिति को इस समिति के रूप में गठित कर दिया। समिति में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिला प्रशासन, नगर निगम, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, शहरी विकास विभाग, प्राधिकरण, वन, जल संसाघन, विद्युत और याचिकाकर्ता किशोर कोडवानी को मनोनीत किया। याचिकाकर्ता कोडवानी लगातार अधिकारियों पर नदियों की सफाई करने के कार्य की अनदेखी करने का आरोप लगाते रहे है। रिपोर्ट के अनुसार नदियों में 1-2 मिलीग्राम बीडीओ होना चाहिए तभी जीव जंतु नहीं पनपते है, अन्यथा नदियां खतरनाक मानी जाती है। देशभर की नदियों में केवल गंगोत्री में गंगा का पानी शुद्ध पाया गया है। हरिद्वार में 4-5 मिलीग्राम बीडीओ मिला है यहां का पानी भी पीने के उपयोग में लिया जा सकता है।

About DNU TIMES

Check Also

खबर पार्ट-2 *श्योपुर पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य एसडी राठौर के खिलाफ 3 सदस्यों का जांच दल गठित पद के दुरुपयोग करने का मामला* *कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में सीएम ने कहा शासकीय योजनाओं में पैसा खाने वाले भी माफियाओं के समान*

Spread the loveखबर पार्ट-2 *श्योपुर पीजी कॉलेज के प्रभारी प्रचार्य राठौर के खिलाफ 3 सदस्यों …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *