*सोशल मीडिया पर शर्मनाक विज्ञापन कर ट्रांस पब पुलिस ने आबकारी विभाग से कहा- इसका लाइसेंस निरस्त करे*
*हिन्दू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई सब कैलेंडर के दिनों को सम्मान पूर्वक मानते है लेकिन इन नई औलादों ने हमारे कल्चर व दिनों को बेवकूफी का अलग नाम दे के सम्पूर्ण समाजो बदनाम कर दिया है*
संजय यादव, (बाबा), इंदौर। ट्रांस पब के मालिक अंशुमन विजयवर्गीय के कारनामे लगातार एक के बाद एक सामने आ रहे है…अब उसकी एक ऐसी शर्मनाक हरकत सामने आई है…जिसे शब्दों में यहाँ बयां करना भी मुश्किल है…दरअसल अंशुमन इंदौर में तीन पब संचालित कर रहा है…विजय नगर इलाके में ट्रांस द पब और लाइट हॉउस और एक आरएनटी मार्ग पर ट्रांस द पब के नाम से चल रहा है…इसने इन प्रतिष्ठानो के प्रचार-प्रसार के लिए कई अश्लील पोस्टर बनवाकर इंस्ट्रागर्म सोशल मिडिया एप्लिकेशन पर ट्रांस द पब के ऑफिसियल अकाउंट से अपलोड किए है…इन पोस्टरों पर गालियों के शब्दों को जोड़कर हर दिन के हिसाब से अलग-अलग डिजाइनों बनाया है…इसमें बेहद आपत्तिजनक बाते भी लिखी हुई है…
पुलिस-प्रशासन दावा करता है की सोशल मिडिया पर हमारी नजर रहती है…आपत्तिजनक मेसेज और पोस्टर के खिलाफ खुद ही संज्ञान लेकर कार्रवाई करते है…लेकिन ट्रांस द पब के इस करतूत की जानकारी अब विजय नगर पुलिस को भी लग गई है…टीआई तहजीब काजी का कहना है की इस तरह के अश्लील पोस्टर के जरिए पाने प्रतिष्ठान का प्रचार-प्रसार करना गलत है…अश्लीलता फ़ैलाने के मामले में केस दर्ज हो सकता है…सोशल मिडिया पर हजारो-लाखो लोगो तक यह पहुँचता है…ऐसे मामलों में कोई भी कही भी शिकायत दर्ज करवा सकता है…भले ही प्रतिष्ठान इंदौर में हो, लेकिन जिसने भी इसे जिस शहर में देखा हो वहा के थाने में शिकायत दर्ज की जा सकती है…अब विजय नगर पुलिस ने इस मामले में भी ट्रांस और लाइट हॉउस पब की जाँच शुरू कर दी है…जाँच के बाद जल्द कार्रवाई होगी….
लाइसेंस निरस्त के लिए लिखा है पत्र:
एडिशनल एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान का कहना है की ट्रांस पब में आए दिन विवाद की घटना सामने आ रही है…अभी कुछ ही दिनों के अंदर उसके संचालक अंशुमन विजयवर्गीय के खिलाफ तीन प्रकरण दर्ज हो चुके है…यहाँ आगे कोई गंभीर घटना ना घटे इसके चलते आबकारी विभाग को ट्रांस पब का लाइसेंस निरस्त करने के लिए पुलिस विभाग ने पत्र भेजा है…
एक साल के लिए हो सकता है लाइसेंस निरस्त:
पहले भी कई पबों और बार के लाइसेंस साल भर के लिए निरस्त हो चुके है…अभी देर रात और तय समय बाद तक शहर में चल रही शराबखोरी का मामला हाईकोर्ट पंहुचा है…प्रिंसिपल सेकेट्री होम डिपार्टमेंट, एक्ससाइज कमिश्नर, कलेक्टर और एसएसपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है…इसी को देखते हुए अब पब, बार और होटल में तय समय के बाद चल रही शराबखोरी को लेकर पुलिस-प्रशासन इन प्रतिष्ठानो के लाइसेंस निरस्ती की सख्त कार्रवाई कर सकता है…
गुंडो के हाथों सौंपी ‘सुरक्षा’ की ज़िम्मेदारी:
पब, मॉल,बार और होटल पर सिक्यूरटी एजेंसी के जरिए तैनात हुए बाउंसर और अन्य कर्मचारियों के बारे में जानकारी लगी है की इनमे से कई लोगो के आपराधिक रिकार्ड भी है…बदमाश प्रवर्त्तति के बाउंसर और अन्य कर्मचारी इन प्रतिष्ठानों में आने वाले कस्टमरों के साथ दुर्वव्हार और मारपीट भी करते है…कई घटनाओ में थाने में एफआईआर तक दर्ज हुई है…पुलिस-प्रशासन ने इस और कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया है…जिसका परिणाम यह होता है की कई आसामाजिक तत्व इन जगहों पर काम करने लगते है…पुलिस-पुलिस-प्रशासन को इनकी जानकारी नहीं रहती है…जब कोई वारदात सामने आती है तो पता चलता है की, बाउंसर और अन्य पद पर काम करने वाला सिक्यूरटी एजेंसी का कर्मचारी सामान्य नागरिक न होकर एक बदमाश है…पत्रकारों के साथ मारपीट करने वाले पकड़ाए 6 आरोपियों के जब विजय नगर टीआई तहजीब काजी ने आपराधिक रिकार्ड की जानकारी निकलवाई तो खुलासा हुआ की जो बाउंसर मारपीट के मामले में पकड़ाए है उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में कई प्रकरण दर्ज है…पुलिस को यह भी पता लगा है की रजिस्टर्ड सिक्यूरटी एजेंसी के बजाए ट्रांस पब के संचालक अंशुमन विजयवर्गीय ने सीधे अपने यहाँ बाउंसर के काम के लिए रख लिया था…इस तरह का फर्जीवाड़ा कई बड़े प्रतिष्ठानो में चल रहा है…इसके चलते रजिस्टर्ड सिक्यूरटी एजेंसी वालो के काम का नुकसान भी होता है और कई बार बदनामी भी होती है।