*इंदौर:-बाबा यादव*
हरसौला गांव में कैंसर के 25 मरीजों के मिलने से हड़कंप मच गया। कैंसर फाउंडेशन के सर्वे में इन मरीजों के मिलने के बाद प्रशासन ने अपने स्तर पर सर्वे दलों का गठन किया है। ये दल पूरे गांव में घर-घर जाकर तीन प्रकार के कैंसर की जानकारी एकत्र करेंगे। प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जिस तरह से गांवों को शौच मुक्त कराया गया, उसी तरह से गांवों को नशा मुक्त कराने का अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में जो भी गांव पूर्णत: नशा मुक्त हो जाएगा उसे 1 लाख रुपए का नकद इनाम दिया जाएगा।
इंदौर कैंसर फाउंडेशन के सर्वे में ये खुलासा हुआ कि इस छोटे से गाँव में 25 कैंसर पीड़ित हैं, जो जनसंख्या घनत्व से बहुत ज्यादा है। इस जानकारी के मिलने के बाद संभाग आयुक्त राघवेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ही अन्य विभागों की तत्काल बैठक बुलाकर सर्वे कराने के निर्देश दिए थे। इधर जिला प्रशासन ने इस मामले को और गम्भीरता से लेते हुए प्रशासनिक स्तर पर जांच दलों का गठन किया है जिनकी रिपोर्ट आने वाली है। जिला पंचायत सीईओ नेहा मीणा ने बताया कि प्रशासन ने जो दल गठित किया है उसमें आशा कार्यकर्ता ओर स्वास्थ्य विभाग की घर घर जाकर यह पता लगाएंगी कि किस घर में कितने सदस्य है और वे किस प्रकार का नशा करते हैं। इसके साथ ही एक फार्मेट तैयार किया गया है, जिसमें कैंसर को लेकर जानकारी भरी जाएगाी। दल के कर्मचारी पुरूषों से पूछेंगे कि वे किस प्रकार का नशा करते है, मुंह पूरा खुलता है या नहीं? महिलाओं से आशा कार्यकर्ता पता करेंगी कि उन्हें किसी भी प्रकार की गठान तो नहीं है? क्या उन्हे किसी प्रकार का गठानों में दर्द या परेशानी तो नहीं है? सांस लेने में तकलीफ आदि की भी जानकारी एकत्र की जाएगी। जिन तीन प्रकार के कैंसर की जानकारी ली जा रही है उसमें मुंह-गले का कैंसर, पेनक्रियाज का कैंसर और चेस्ट कैंसर आदि का पता लगाया जा रहा है।
हरसोला गांव आलू उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहाँ लगभग 900 परिवार रहते हैं। सर्वे टीम 20 दिनों में सर्वे पूरा करके इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को देगी। इंदौर कैंसर फाउंडेशन के सामने कैंसर के जो 25 मरीज सामने आए हैं, उनमें से 15 मरीजों की मौत हो गई! जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा के मुताबिक गांव में सर्वे का काम जारी है और कोशिश की जा रही है इस खतरनाक बीमारी के चपेट में लोग कैसे आ रहे इस बात का पता लगाया जा सके।