डीएनयु टाईम्स (ब्यूरो रिपोर्ट, इंदौर)
एएसपी क्राइम ब्रांच श्री अमरेंद्र चौहान ने बताया कि 2 साल से फरार आबकारी घोटाले के आरोपी राहुल चौकसे को इंदौर क्राइम ब्रांच ने पुणे से गिरफ्तार किया.
शराब माफियाओं ने वर्ष 2016-2017 में शराब की दुकान के ठेके की चालानी राशि में शासन को 41 करोड़ के राजस्व का चूना लगाते हुये अवैध तरीके से शराब व्यवसाय के ठेके अपने नाम करा लिये थे जिसकी जांच पर से थाना रावजी बाजार इंदौर मे पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 172/17 धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी भादवि के तहत आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण किया था जोकि सभी आरोपी प्रकरण कायमी के बाद फरार हो गये थे।
फरार आरेापियों की पतारसी कर गिरफ्तारी हेतु तत्कालीन पुलिस उपमहानिरीक्षक शहर इंदौर द्वारा प्रत्येक आरोपी की गिरफ्ताारी हेतु 20-20 हजार के नगद ईनाम की उद्घोषणा जारी की गई थी इसी अनुक्रम में विगत दिनों में आसूचना संकलित कर, पतासाजी करते हुये इंदौर पुलिस ने अलग अलग कार्यवाहियों में देष के विभिन्न शहरों में दविष देकर प्रकरण में आरोपी राहुल चौकसे को छोड़कर सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था किंतु राहुल चौकसे आज दिनांक तक लगभग 02 वर्ष से भी अधिक समय से लगातार फरार चल रहा था । फरार आरेापी राहुल चौकसे की गिरफ्तारी हेतु क्राईम ब्रांच इंदौर द्वारा लगातार सूचना संकलित की जा रही थी जिसके तारतम्य में क्राईम ब्रांच की टीम को सूचना मिली कि आरोपी राहुल चौकसे पिता सुरेन्द्र कुमार महाराष्ट्र के पुणे में छुपकर फरारी काट रहा है। सूचना पर कार्यवाही करते हुये क्राईम ब्रांच की टीम तत्काल पुणे महाराष्ट्र के लिये रवाना हुई जहां से ज्ञात हुआ कि आरोपी कहीं अन्यत्र रफूचक्कर हो गया है अतः उसकी तलाश में नागपुर, पुणे, मुंबई, तथा इंदौर शहर के संभावित ठिकानो पर एक साथ अलग अलग टीमों द्वारा दविश दी गई जिसमें फलस्वरूप अथक प्रयास करते हुये गहन पतारसी उपरांत आरोपी राहुल चौकसे पिता सुरेन्द्र कुमार चोकसे उम्र 36 साल निवासी A 296 तुलसी नगर नियर सरस्वती माता मंदिर बांबे हास्पिटल, इंदौर को पकड़कर अभिरक्षा में लिया।
आरोपी राहुल ने बताया कि वह शराब दुकानों का ठेकेदार है तथा शराब का व्यवसाय करता था। आरोपी बी काम तक पढ़ा लिखा है। आरोपी ने बताया कि 12 साल पहले इनोवेटिव केट कंपनी सागर मे सुपरविजन का काम करता था। इसके बाद वह इंदौर आ गया जोकि सियांगज में देशी शराब दुकान का तीन साल तक सुपरविजन का काम देखने के बाद, स्वयं शराब ठेकेदार बन गया। आरोपी के पास देवगुराङिया मे अंग्रेजी, दुधिया व सनावदिया मे देशी दुकान संचालित करने शराब का ठेका था। आरोपी ने बताया कि दुकान संचालन के दौरान 15 व 30 तारीख को एक्साईज ड्यूटी जमा नहीं करते थे तो 16 और 1 तारीख को एक्साईज उनको नोटिस दे देती थी कि 5 दिन मे अगर पैसा जमा नही किया तो दुकान केंसल कर बैंक ग्यारंटी की रकम को सीज कर दिया जायेगा तथा दुकान टेंडर मे लगा दी जायेगी। 2015 -2016 मे आबकारी में रिन्यूवल की राशि करीब 15 से 20 प्रतिशत बढाकर 80 प्रतिशत तक हो जाने से वर्ष 2016-17 मे लायसेंसी अनुज्ञापी राहुल चौकसे ने आपसी अनुबंध के आधार पर गैरकानूनी तरीके से एटीएम ग्रुप के मैनेजर राजू दशवंत को अपनी दुकाने संचालित करने के लिये दे दी अनुज्ञापी राहुल चौकसे ने राजू दशवंत जैसे शातिर बदमाश के साथ षणयंत्र रचकर दुकानों के फर्जी चालान प्रस्तुत कर शासन को 09 करोड़ रूपये राजस्व का चूना लगाया था।
आरोपी राहुल चौकसे ने बताया कि उसने आरोपी राजू दसवंत को स्वयं के शराब व्यवसाय से संबंधित बैंक के खातों की जानकारी दे रखी थी अतः समस्त लेन देन वही करता था। आरोपी राहुल चौकसे के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध होने के उपरांत वह लगतार फरार चल रहा था जोकि फरारी के दौरान ग्वालियर, पुणे, मुम्बई, आगरा, होशंगाबाद आदि शहरों में छुपकर फरारी काट रहा था। आरोपी का पुलिस रिमांड प्राप्त कर विस्तृत पूछताछ की जायेगी जिसमे अन्य घोटालेबाजों के नाम सामने आने की संभावना है।