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25 मई से शुरू होगी रोहणी,आइये जाने रोहिणी नक्षत्र के बारे में

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डीएनयु टाईम्स

प. कमल किशोर शास्त्री

रोहिणी नक्षत्र को वृष राशि का मस्तक कहा गया है। इस नक्षत्र में तारों की संख्या 5 है। भूसे वाली गाड़ी जैसी आकृति का यह नक्षत्र फरवरी के मध्य भाग में मध्याकाश में पश्चिम दिशा की तरफ रात को 6 से 9 बजे के बीच दिखाई देता है। यह कृत्तिका नक्षत्र के पूर्व में दक्षिण भाग में दिखता है।

साल में एक बार रोहिणी नक्षत्र की दृष्टि सूर्य पर पड़ती है। यह नक्षत्र 15 दिन रहता है लेकिन शुरू के पहले चन्द्रमा जिन 9 नक्षत्रों पर रहता है वह  दिन नौतपा कहलाते हैं। इसका कारण इन दिनों में गर्मी अधिक रहती है।
मई माह के अंतिम सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाती है। इससे धूप और तीखी हो जाती है। नक्षत्रों के काल गणना को आधार मानने वाले प्राचीन ज्योतिष मत में परस्पर सांमजस्य बिठाने का प्रयास कर रहे हैं।
नवतपा के संबंध में कहा जाता है कि,
ज्येष्ठ मासे सीत पक्षे आर्द्रादि दशतारका।
सजला निर्जला ज्ञेया निर्जला सजलास्तथा।।
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आद्रा नक्षत्र से लेकर दस नक्षत्रों तक यदि बारिश हो तो वर्षा ऋतु में इन दसों नक्षत्रों में वर्षा नहीं होती, यदि इन्हीं नक्षत्रों में तीव्र गर्मी पड़े तो वर्षा अच्छी होती है।
भारतीय ज्योतिष में नवतपा को परिभाषित कर लिया गया है, चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो एवं तीव्र गर्मी पड़े, तो वह नवतपा है।
भारत में ऐसे बहुत लोगों का मानना है कि सूर्य वृष राशि में ही पृथ्वी पर आग बरसाता है और खगोल शास्त्र के अनुसार वृषभ तारामण्डल में यह नक्षत्र हैं कृतिका, रोहिणी और मृगशिरा (वृषभो बहुलाशेषं रोहिण्योऽर्धम् च मृगशिरसः) जिसमें कृतिका सूर्य, रोहिणी चंद्र, मृगशिरा मंगल अधिकार वाले नक्षत्र हैं इन तीनों नक्षत्रों में स्थित सूर्य गरमी ज्यादा देता है ।
अब प्रश्न यह कि इन तीनों नक्षत्रों में सर्वाधिक गरम नक्षत्र अवधि कौन होगा इसके पीछे खगोलीय आधार है इस अवधि मे सौर क्रांतिवृत्त में शीत प्रकृति रोहिणी नक्षत्र सबसे नजदीक का नक्षत्र होता है।
जिसके कारण सूर्य गति पथ में इस नक्षत्र पर आने से सौर आंधियों में वृद्धि होना स्वाभाविक है इसी कारण परिस्थितिजन्य सिद्धांत कहता है कि जब सूर्य वृष राशि में रोहिणी नक्षत्र में आता है उसके बाद के नव चंद्र नक्षत्रों का दिन नवतपा है ।
ज्योतिष के सिद्धांत के अनुसार नौतपा में अधिक गर्मी पड़ना अच्छी बारिश होने का संकेत माना जाता है। अगर नौतपा में गर्मी ठीक न पड़े, तो अच्छी बारिश के आसार कम हो जाते हैं।
*28 नक्षत्रो के नाम*
कृत्तिका

रोहिणी

मृगशीर्षा

आर्द्रा

पुनर्वसू

पुष्य

आश्लेषा

मघा

पूर्वाफाल्गुनी

उत्तराफाल्गुनी

हस्त

चित्रा

स्वाति

विशाखा

अनुराधा

ज्येष्ठा

मूल

पूर्वाषाढ़ा

उत्तराषाढ़ा

अभिजित

श्रवण

घनिष्ठा

शतभिषक

पूर्वाभाद्रपदा

उत्तराभाद्रपदा

रेवती

अश्विनी

भरिणी।

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