इंदौर। स्वच्छता अभियान के तहत शहर में कई शौचालय बनाए गए हैं। रात्रि में सुविधा की दृष्टि से बल्ब भी लगाए हैं, इसके साथ ही बिजली चालू व बंद करने के लिए कर्मचारी भी पदस्थ किए गए! इसके बावजूद दोनों जगह पर दिन में बल्ब रोशन होते रहते हैं। निगम पर बिजली कंपनी का करोड़ों रुपए बकाया है। इस राशि को एकमुश्त चुकाने के लिए निगम के खजाने खाली पड़े हैं। बार-बार कंपनी द्वारा पैसों की मांग की जा रही है। बढ़ते बिजली बिल को कम करने गत दिनों महापौर व निगमायुक्त आशीषसिंह ने अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देश दे रखे हैं कि बिजली की खपत कम से कम की जाए। अनावश्यक बिजली जलाने से बचें। इसके बाद भी निगम के कई दफ्तरों में बिजली के उपकरण व्यर्थ में जलते रहते हैं। लेकिन कर्मचारी अनदेखी कर रहे हैं।
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