*इंदौर:-बाबा*
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य निर्वाचन कार्यालय और स्थानीय निर्वाचन शाखा परेशानी में नजर आ रही है। आयोग के निर्देश पर 31 जुलाई को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन तो हो जाएगा। मगर, दावे आपत्तियों के बुलाने के लिए जो अवधि एक माह की दी गई है, उस दौरान बीएलआें को एक बार फिर से रह घर पर दस्तक देना होगी। इस बार मतदाता सूची का परीक्षण कैसे करना है इसकी दो दिनों तक ट्रेनिंग कलेक्टर कार्यालय में दी जा रही है।
मतदाता सूची में फर्जी नामों से मतदान करने का मामला गरमाने और एक नहीं पूरे प्रदेश में 36 लाख मतदाताओं के फर्जी तरीके से मतदान में नाम आने की घटना के बाद से स्थानीय प्रशासन सहित पूरे प्रदेश का निर्वाचन विचाग में सकते में है। प्रशासन भले ही मतदाताओं के नाम डबल होने, जो इस दुनिया में नहीं उनके नाम दर्ज होने जैसी इंट्री के पाए जाने पर मतदाता सूची की गडबडी सीधे तौर पर मान ली गई है। इसके उजागर होने के बाद सूची का बारिकी से परीक्षण तो किया गया! यही नही बार बार आयोग की फटकार भी इंदौर के अधिकारियों को लगी। इस बार आयोग ने मतदाता सची का प्रकाशन करने के बाद एक बार फिर से डोर टू डोर का परीक्षण किया जाएगा।
आयोग ने जो कार्यक्रम तय किया है उसके अनुसार इंदौर एक, दो, तीन, चार, पांच, और राऊ के सुपरवाईजरों को इंदौर के कलेक्टर कार्यालय में प्रशिक्षण दिया जा रहा है और महू, सांवेर तथा देपालपुर के पर्यवेक्षकों को तहसील कार्यालय में प्रशिक्षण दे रहे है। यह प्रशिक्षण इस बात को लेकर है कि फोटोयुक्त मतदाता सूची के 31 जुलाई के प्रकाशन के बाद दावे आपत्तियां बुलाई जाएगी। इस दौरान बीएलओ और अन्य कर्मचारियों को एक बार पूरे माह तक अपने अपने क्षेत्रों मे जाकर मतदाताओं की पहचान करना होगी। इंदौर में तीन सौ अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।