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रजिस्ट्री कराते ही सारी जानकारियां ऑनलाइन होंगी

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*इंदौर:-बाबा*
शीघ्र ही रजिस्ट्रार कार्यालय एक मोबाइल एप्प जारी कर रहा है, जिससे घर बैठे ही मोबाइल से सारी जानकारी ले सकता है। जमीन कहां है, किसानों के लिए सरकार ने क्या योजनाएं बनाई है, उसका लाभ कैसे लिए जाए! खसरा, खतौनी, नक्शा की नकल मिलने में आसानी रहेगी। संपत्ति के बंटवारे, नामांतरण, वसीयत और अचल संपत्तियों के बेचने संबंधी कार्य अब आसान होने जा रहा है। इसके लिए किसी भी व्यक्ति को रजिस्ट्रार कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा।
   राजस्व विभाग ने रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) सिस्टम विकसित किया है, जिसमें उपरोक्त तमाम सुविधाएं रहेंगी। इसके अलावा मोबाइल एप्प भी बना दिया गया है, जिससे यह पता चलेगा कि आपकी जमीन कहां है। उसका खसरा, खतौनी और नक्शे की नकल एप्प से मिल सकेगी। व्यक्ति चाहे तो उसकी सत्यापित नकल भी निर्धारित शुल्क जमा करके ले सकेगा। आमतौर पर इन सभी कार्यों, सुविधाओं के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय जाना आवश्यक है। वहां कई बार सर्वर डाउन रहने, अधिकारियों के नहीं होने से परेशानी आती है। कार्यालय में अधिकांश प्रकरण रजिस्ट्री संबंधी आते हैं। रजिस्ट्री कराते समय पटवारी से जमीन संबंधी रिकार्ड मांगा जाता है। पटवारी आपसी लेनदेन से जमीन रिकार्ड में हेराफेरी कर देते हैं। हालांकि, पटवारियों की इस कारगुजारी को खत्म करने राज्य शासन यह सारा काम निजी एजेंसी को सौंपने जा रहा है।
  सम्पत्ति की पहली रजिस्ट्री कराते ही इन सभी मामलों के लिए प्रकरण अपने आप ही दर्ज हो जाएगा। ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करने पर मोबाइल पर एसएमएस से राजस्व कोर्ट का नाम और सुनवाई की तारीख तय होगी। समयसीमा में तुरंत उसका समाधान भी हो जाएगा। साफ है कि रजिस्ट्री के बाद किसी भी व्यक्ति को नामांतरण या अन्य काम के सिर्फ आवेदन के लिए नहीं भटकना पड़ेगा।
  इसी तरह किसान ऐप भी काम करेगा। इस ऐप से किसान को फसल के साथ सरकार की तमाम योजनाओं की कजानकारी मिलेगी। शहरी क्षेत्र में छोटे-छोटे प्लॉट हैं तो उसके स्वामित्व का रिकार्ड देखना मुश्किल होता है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए सेक्टर व ब्लाक स्तर पर नक्शे बनाए जा रहे हैं। पिछले दिनों कार्यालय ने लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए यहां टोकन सिस्टम लागू किया है। टोकन लेने के बाद व्यक्ति आराम से अपने दूसरे काम निपटा सकता है। कार्यालय इस पर तेजी से काम कर रहा है। इससे न सिर्फ व्यक्तियों का दबाव कम होगा, बल्कि लंबित फाइलें भी समयसीमा में आगे बढ़ सकेगी।

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