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छेड़छाड़ रोकने के लिए प्रशासन के हॉस्टलों के लिए नए निर्देश

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*इंदौर:-बाबा यादव*
प्रशासन ने शहर के हॉस्टल और शेल्टर होम के लिए नहीं गाइड लाइन तय की है। दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं  मद्देनजर सरकार ने इस कवायद को तेज किया है। नई गाइड लाइन का प्रारूप पिछले दस सालों से अटका हुआ था, जिसे अब अमल में लाया गया है। हॉस्टलों को लायसेंस देने के लिए नगर निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है। नियम का पालन नहीं होने पर संचालक से अर्थदंड भी वसूला जाएगा।
इंदौर में करीब दो हजार गर्ल्स व बॉयस हॉस्टल हैं। अधिकांश होस्टल भंवरकुआं व बॉम्बे हॉस्टल के आसपास संचालित हो रहे हैं। इन इलाकों से पुलिस को अक्सर छेड़छाड़ की घटनाओं की शिकायत मिलती है। शहर जिस तेजी से एजुकेशन हब बना है, उतनी ही रफ्तार से यहां हॉस्टल खुलते जा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर आवासीय क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं। इनसे स्थानीय लोग परेशान हैं और हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं को भी उचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। इसे देखते हुए कई साल पहले नगरीय प्रशासन विभाग ने गाइड लाइन तैयार की थी, मगर इस गाइड लाइन पर पूरी तरह अमल नहीं हो सका। इससे होस्टल संचालकों की मनमानी बढ़ती गई! सुरक्षा के उचित इंतजाम न होने, क्षमता से ज्यादा छात्र-छात्राओं को प्रवेश देने से भी इंतजाम प्रभावित होते हैं। रहने वालों का वेरीफिकेशन न होने के कारण इन इलाकों में छेड़छाड़ व बलात्कार की घटनाएं भी हुई है। देखा गया है कि मामला उजागर होने के बाद हो कोई कार्रवाई की जाती है। भंवरकुंआ क्षेत्र में बड़ी संख्या में हुई घटनाओं ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। अब नए सिरे से गाइड लाइन को अमल में लाने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि इस तरह की  घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक लग सके।
नियम
– नगर निगम हॉस्टलों के लिए पाँच साल के लिए लायसेंस देगा।
– आवेदक को भवन में पार्किंग, आग से बचने के इंतजाम का उल्लेख करना होगा।
–  भवन का निर्माण भूंकपरोधी तकनीक से होगा।
– नामजद वार्डन के साथ ही सुरक्षा के लिए निर्धारित संख्या में गार्ड तैनात करना होंगे।
– किसी भी नियम का उल्लंघन होने पर लायसेंस रद्द होगा और संचालक पर अर्थदंड भी किया जाएगा।
– व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर प्रतिदिन 100 रुपए अतिरिक्त दंड स्वरुप वसूला जाएगा।
– स्थानीय लोगों की परेशानियों की सुनवाई के लिए समिति बनाई जाएगी। इसके अध्यक्ष कलेक्टर व निगम आयुक्त होंगे।
– सीएमएचओ के अलावा दो और सदस्य समिति में रखे जाएंगे। इनका निरीक्षण निगम आयुक्त करेंगे।
व्यवस्था
– क्षेत्र व सुविधाओं के हिसाब से होस्टल को तीन श्रेणी में बांटा जाएगा।
– खेल मैदान, इनडोर गेम्स के इंतजाम, हवा-प्रकाश और इंटरनेट की व्यवस्था।
– कमरे में एक छात्र के लिए कम से कम 7.5 वर्गमीटर स्थान के साथ शौचालय व बाथरूम की व्यवस्था भी संचालक को करना होगी।

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