डीएनयु टाईम्स (धर्मेंद्र सोनी, इंदौर)
इंदौर में विगत वर्षो में हुए डीपीएस स्कूल के हादसे के बाद भी स्कूल प्रशासन को सुध नहीं है की स्कूल की बसों में सुरक्षा इंतजाम है या नहीं ,स्कूल प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी बसों में बच्चो बैठाने से पहले के बसों के फिटनेस , परमिट एवं सुरक्षा संयंत्रों का चेक करें, लेकिन स्कूल प्रशासन को मोटी फ़ीस वसूलने से फुर्सत कहाँ. ऐसी ही एक स्कूल बस जो कि कर्नाटक विद्या निकेतन ,
कनाड़िया इंदौर को आज सुबह चेकिंग के दौरान ट्रैफिक सूबेदार काज़िम हुसैन रिज़वी ने पकड़ा जिसके न ही पेपर थे और न ही परमिट और न ही बस में कंडेक्टर मौजूद था , उक्त बस पर चालानी कार्यवाही करते हुए सूबेदार काज़िम ने पहले बस से बच्चों को स्कूल छुड़वाया फिर बस को ट्रैफिक थाने पर भेज दिया. उक्त कार्यवाही में सूबेदार काज़िम हुसैन रिज़वी के साथ आरक्षक गजेंद्र सेंगर , आरक्षक यासीर हुसैन कि महत्वपूर्ण भूमिका रही.
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गौरतलब है कि डीपीएस स्कूल के हादसे को ज्यादा समय नहीं बिता है उस हादसे के बाद शासन द्वारा स्कूलों के लिए नियमवाली बनाई गयी और स्कूल प्रसाशन को सुरक्षा सम्बन्धी आदेश भी दिए गए , लेकिन कौन माने सरकार के आदेश , कौन करें बच्चो कि सुरक्षा , हमें तो केवल फ़ीस वसूलना है .