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कान्ह सरस्वती नदी बनाम आॅपरेशन, 2 किमी में उलझा प्रशासन

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*इंदौर:-बाबा यादव* शहर की कान्ह और सरवस्ती नदी को लेकर जब प्रशासन स्तर पर मामला नहीं सुलझा तो कई वर्ष पहले मामला ग्रीन नेशनल ट्रिब्यूनल कोर्ट में पहुंचा। जीएनटी क ोर्ट में सुनवाई के बाद इंदौर की कान्ह और सरस्वती नदी के 18 किलोमीटर के क्षेत्र में इसे पुर्नजीवित करने का निर्णय हुआ। इस निर्णय के बाद लम्बी लड़ाई और अधिकारियों क ी उपेक्षा के बीच चल रहे कार्यो के साथ मात्र 2 किलोमीटर का कार्य ही 100 प्रतिशत करने का दावा अब प्रशाान करने लगा है शेष क्षेत्रों में योजनाबद्व तरीके से कार्य करने की बात हो रही है। नदी के जीर्णोद्वार में निगम की कई योजनाएं बाधा बनी हुई है तो कई स्थानों पर गैस पाईप लाइन ने नदी के कार्यो को रोक दिया है।
जिला प्रशासन की अगुवाई में इंदौर की कान्ह सरवस्ती नदी के कार्यो को लेकर एक अच्छी पहल हुई मगर नौकरशाही के कारण इस कार्य को जो गति मिलना चाहिए थी वह नहीं मिली फिर भी तमाम उलझनों के बीच अब प्रशासन यह कहने के लिए दम भर सकता है कि 2 किलोमीटर का कार्य पूरा कर आगे योजनाबद्व तरीके से कार्य हो रहा है। शहर में निगम ने सिहस्थ के दौरान नाला टेंपिंग का कार्य किया था और उस पर 77 करोड़ रुपए खर्च किए थे इसके पहले सीवरेज की प्राइमरी लाइन 324 करोड़ रुपए की लागत से बिछाई थी वह सब पानी में बह गया । यानि कान्ह सरस्वती नदी के किनारे और बीच में इस लाइन को डाला गया था जो पाइप लाइन अब नदी नाले मे बहते नजर आ रहे है।
एसटीपी ने लगाया नदी सफाई योजना को पलीता
नदी सफाई योजना में प्रशासन के साथ निगम को भी पूरी सिददत से कार्य करना था मगर निगम ने ही बिजलपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट लगाने का कार्य शुरू कर दिया जो इस योजना क ो पलीता लगा रहा है। इसी क्षेत्र में स्थिति जींस फेक्ट्रियों का केमीकल युक्त पानी नदी में बहाया जा रहा है जो नहीं होना चाहिए। तेजपुर गडबडी से दो किलोमीटर के क्षेत्र में ही करीब 40 कंपनिया ऐसी है जो नदी को प्रदूषित कर रही है।
नदी के कार्यो में लगी एजेसियों को तेजपुर गडबडी के पुल के नीचे ओर अमितेष नगर में गैस पाईप लाइन मिली है जिसके कारण भी नदी सफाई का कार्य आगे नहंी बढ पा रहा है। कान्ह के अभियान में लगे कलेक्टर निशांत वरवडे को उस समय आश्चर्य करना पड़ा जब कुछ गांव के बच्चे स्कूल जाने के लिए नदी पर पेड को आडा पटकर नदी पार करते है । यहां पर कलेक्टर ने तुरंत अस्थाई पुल बनाने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर ने दिखाई सख्ती दिए स्पष्ट निर्देश
जीएनटी कोेर्ट में बार बार जबाव देने के चक्क र से बचने के लिए कलेक्टर ने खुद नदी सफाई की निगरानी अपनी नजरों से की तो कई खामिंया सामने आई इस पर उन्होने सख्त निर्देश दिए और अधिकारयों को कार्रवाई क रने के लिए कहा है। कलेक्टर ने अपने निर्देश में कहा है कि …………..
0 निगम उपायुक्त संदीप सोनी क ो कलेक्टर ने कहा कि यह देखे कि तालाब मे निर्माणध्ीान एसटीपी (सीवरेज ट्रींटमेंट प्लांट) स्थल  तालाब की जमीन के खसरे पर न हो।   0 जीएनटी आदेशो का पालन हो । 0 श्रीजी जिन्स व अन्य उद्योगों का केमिकल वेस्ट नदी न छोडा जाये । 0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, निगम, विद्युत मण्डल कार्यवाही करें । 0  सीमांकन पुर्ण न करने वालो को शोकाज दिया जाये ।  0 तालाब चेक डेम चाबी रिपेयर कि जायें । 0 श्मशान के साईड में पडी मिट्टी मलबा तालाब कि पाल पर लगाई जाये, ताकि कमजोर स्थिति से पाल टुटने का खतरा ना रहे।
कान्ह-सरस्वती नदी पर अभी यह कार्य किया जाना है
0 नदी पर बने  पुल के चारो ओर अतिक्रण हटाए जाना है। 0 पुल के दोनो ओर जुडने वाले चारोँ आउटफाल डिसिल्टीगं व आक्सढाईज कार्य होना है।  0 नदी किनारो पर निर्मित हो रही रिटर्निंग वाल को हटाना है। 0
औघोगिक इंकाईयों के अतिक्रमण को हटाना है। 0 नदी के तल में बिछाई गई गैस पाइन लाइन को हटाना है।

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