*इंदौर:-बाबा यादव*
खण्डवा रोड पर स्थित अनुराधा नगर का मामला अब और गरमाता जा रहा है। कालोनी की गडबडियों को लेकर लोगों ने मोर्चा खोला तो कई और घोटाले और अनिमितताएं सामने आई है। जमीन के जादूगरों ने खुद माना है कि जो क्षेत्र गरीब परिवारों के आवास के लिए छोडे गए थे उन पर प्लाट काटे गए है।
अनुराधा नगर में मुख्य मार्ग को बंद करके अपने स्कूल को सेफ करने का कार्य करने वाले त्रिलोक कुशवाह के खिलाफ कालोनी के रहवासियों ने लामबंद होकर आंदोलन शुरू कर दिया है। मुख्य मार्ग पर टाईल्स लगाकर कब्जा करने वाले न्यू अम्बेडकर हायर सेकेन्डरी स्कूल के संचालक जिस जमीन पर कब्जा कर टाइल्स लगा रहे है उस स्थान सहित आसपास की जमीन को कालोनाइजर ने टीएनसी से नक्शा पास कराने और प्रशासन से भू परिवर्तन कराने के पहले स्लम परिवारों के आवास के लिए छोडा था।
सरकार का नियम है कि जब भी कोई कालोनी काटने के लिए ज़मीन मालिक प्रक्रिया का अपनाता है तो उसे 15 प्रतिशत जमीन गरीब परिवारों के लिए छोडना होगी या फिर शासन के खजाने उतनी जमीन की कीमत जमा करना होगा। अनुराधा नगर में भी कालोनाइ्रजर ने कुछ ऐसा ही किया था मगर कालोनी काटने के बाद जो जमीन गरीबों के लिए छोडी गई थी उस पर भी भूखण्ड काटकर लोगों को बेच दिया है। बताते है कि कालोनी के नक्शे में बार बार बदलाव किया गया है। यहीं नहीं लोगों को जो रजिस्ट्रयां करवाई गई है उसमे चतुरसीमा कुछ दर्ज है और नक्शा जो टीएनसी से पास करवाया गया है उसमें कुछ और दर्शाया गया है।
पार्षद को भी स्कूल संचालक ने साधा कालोनी में मुख्य मार्ग पर कब्जा करने के मामले बताया जा रहा है कि वार्ड पार्षद भी स्कूल संचालक का पर्दे के पीछे से समर्थन कर रहे है। वार्ड 77 के पार्षद पुष्पेन्द्र चौहान को चाहिए कि वे जनप्रतिनिधि है और शिकायत सामने आने या क्षेत्र में कोई ऐसा कार्य दिखे जो गलत हो उसे संज्ञान में लेकर कार्रवाई करने हेतु विभाग को सूचित करें। परन्तु वे ऐसा नही कर रहे हैजिससे पार्षद की भी स्कूल संचालक से मिली भगत होने की आशांक जताई जा रही है।
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