*पुलिस इकाइयों के कर्मचारियों के स्वास्थ्य की सतत समीक्षा बाबत बनाए जाएं ‘स्वास्थ्य सखा/सखी’ : आई जी*
बाबा यादव
आज आईजी इंदौर श्री विवेक शर्मा ने जिले के पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कोरोना के विरुद्ध जारी अभियान के दौरान कुछ ऐसे प्रकरण देखने में आए हैं जिसमें कि विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कोरोना से मिलते जुलते लक्षण पाए जाने पर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया और जब उनकी बीमारी कुछ दिन तक नियंत्रित नहीं हुई तब वह हॉस्पिटल में भर्ती हुए जहाँ पर टेस्ट के पश्चात वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए। एक तरफ तो बीमारी के लक्षण नहीं बताये जाने पर उनका देर से हॉस्पिटल पहुँचने पर उनकी स्थिति खराब हुई और चिकित्सकों को भी उनकी हालत सुधारने में काफी परिश्रम करना पड़ा वहीं दूसरी ओर समय पर सूचना नहीं किये जाने पर अपने साथी कर्मचारियों को भी संक्रमित करने की संभावना उत्पन्न हुई । इस तरह की परिस्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए समस्त थाना/कार्यालय/पुलिस लाईन/अन्य यूनिट में पदस्थ सभी अधिकारी/कर्मचारियों को 2-2 के ग्रुप में (buddy pair बनाकर) बांटा जाए जिसमें की दोनों अधिकारी/कर्मचारी एक दूसरे के *स्वास्थ्य सखा/सखी* के रूप में कार्य करेंगे।
आईजी ने कहा कि स्वास्थ्य सखा/सखी यथासंभव एक ही रैंक और एक ही Gender के होंगे और उनके द्वारा निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाये-
(1) अपने स्वास्थ्य सखा/सखी के स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी रखेंगे कि कहीं उन्हें मधुमेह/हृदयरोग/अस्थमा/केंसर/अन्य कोई गम्भीर बीमारी तो नहीं है और अगर है तो और तत्परता से अपने साथी का ध्यान रखेंगे।
(2) प्रतिदिन अपने स्वास्थय सखा/सखी के संबंध में यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें सर्दी/खाँसी/जुखाम/बुखार इत्यादि कोई समस्या तो नहीं है और यदि है तो इस संबंध में थाना प्रभारी बताएंगे।
(3) अगर सर्दी/खाँसी/जुखाम/बुखार इत्यादि के संबंध में कोई उपचार प्रारम्भ हुआ है और अगर 2 दिवस में वह ठीक नहीं हुआ है तो उसका यूनिट प्रभारी से सम्पर्क कर मेडिकल टीम द्वारा स्क्रीनिंग करवाएंगे।
(4) यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रतिदिन स्वास्थ्य सखा/सखी द्वारा कम से कम 2 बार काढ़ा और कम से कम 1 बार ORS के घोल का सेवन किया गया अथवा नहीं।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त व्यवस्था का यह उद्देश्य है कि प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी ड्यूटीरत रहते हुए अपने अलावा अपने buddy pair में शामिल अधिकारी/कर्मचारी की सेहत का भी ध्यान रखे और यदि उन्हें कोई भी प्रतिकूल लक्षण परिलक्षित होते हैं तो वह यूनिट प्रभारी को अवगत कराकर उसे स्वास्थ्य उपचार मुहैया कराना सुनिश्चित करें। अगर भविष्य में कोई अधिकारी/कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है और यह तथ्य संज्ञान में आता है कि वह कुछ दिनों से बीमार था और उसकी जानकारी सक्षम अधिकारी को नहीं मिल पायी तो इसे उसके स्वास्थ्य सखा/सखी की लापरवाही के रूप में देखा जावेगा।
प्रत्येक यूनिट प्रभारी का यह कर्तव्य होगा कि अगर उनकी यूनिट का कोई अधिकारी/कर्मचारी बीमार होता है तो तत्काल श्री गुरू प्रसाद पाराशर, अति.पुलिस अधीक्षक इंदौर से संपर्क करें ताकि जल्द से जल्द आवश्यकता अनुसार संबंधित का मेडिकल परीक्षण कराया जाकर तदानुसार ईलाज प्रारम्भ कराया जाए।
अंत मे आईजी ने सभी अधिकारियो/ कर्मचारियों को संदेश देते हुए कहा कि- आप सभी सहमत होंगे कि कोरोना के विरुद्ध इस अभियान में पुलिस अधिकारी/कर्मचारी का स्वस्थ रहना अत्यंत ही महत्वपूर्ण है और यह तब तक सम्भव नहीं हो पायेगा जब तक हम लोग स्वयं अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देंगे और साथ ही अपने साथियों कि सेहत की भी जिम्मेदारी आपस में नहीं बाटेंगे। अत: आप सभी यह सुनिश्चित करें कि अगर किसी साथी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा अपनी सेहत के प्रति शिथिलता बरती जाती है तब हम बिना किसी हिचक के उसके स्वास्थ हित में तत्काल इसकी जानकारी यूनिट प्रभारी को दें। स्वस्थ रहे बिना हम इस जंग में विजयी नहीं हो पाएंगे।