*इंदौर:-बाबा यादव*
प्रदेश में अभी तक विकलांगता की श्रेणी में सात प्रकार के पीडितों को रखा गया था मगर अब सरकार ने दिव्यागों को भी साधने की दृष्टि से एक नया आदेश जारी कर 21 प्रकार से पीडित व्यक्तियों को दिव्यांग माना जाएगा। जिस श्रेणी के लोगों को दिव्यांग की श्रेणी में लाया गया है उसकी जानकारी देने के लिए आगामी 7 जुलाई को भोपाल में प्रदेश भर के मेडीकल आफिसरों की एक कार्यशाला होगी।
सरकार के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मध्यप्रदेश भोपाल ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 तहत 21 प्रकार की दिव्यांगताओं को शामिल किया गया है। जिस 14 प्रकार के श्रेणी के लोगों को दिव्यागता की श्रेणी में शामिल किया है उनके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए निर्देश भी जारी किए गए है। अधिनियम में पूर्व में प्रचलित 7 प्रकार की दिव्यांगताओं के स्थान दिया गया था। सरकार ने दिव्यांगताओं के संबंध में जागरूकता लाने के लिए उनके प्रचार-प्रसार के लिए दीवार लेखन, चित्रण, प्रचार-प्रसार अत्यंत ही उपयोगी और मितव्ययी माध्यम माना है।
सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन अधिनियम के तहत दिव्यांगता के जिन 21 प्रकार लोगों को हाल ही में शािमल किया है उनमें चलन दिव्यांगता, बौनापन, मांसपेशी दुर्विकास, तेजाब हमला पीड़ित, दृष्टि बाधित, अल्पदृष्टि, श्रवण बाधित, कम या ऊंचा सुनना, बोलने एवं भाषा की दिव्यांगता, कुष्ठ रोग से मुक्त, प्रमस्तिष्क घात, बहु दिव्यांगता, बौद्धिक दिव्यांगता, सीखने की दिव्यांगता, स्वलीनता, मानसिक रूगणता, बहु-स्केलेरोसिस, पार्किसंस, हेमोफीलिया, थेलेसीमिया, सिक्कल कोशिका से पीडित व्यक्ति को शामिल किया है।
7 जुलाई को प्रदेश भर के डॉक्टरों की कार्यशाला
सरकार के नये अधिनियम के तहत जिन 21 प्रकार के रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों को दिव्यागता की श्रेणी में शामील किया है उन्हे किस तरह से परीक्षण कर दिव्यांग घोषित किया जाएगा । उनके प्रमाण पत्रों को किस तहर से जारी किया जाएगा आदि सहित अन्य मुददों पर एक कार्यशाला भोपाल में प्रदेश भर के डॉक्टरों की रखी गई है। 7 जुलाई को कार्यशाला में सभी प्रकार की स्थिति में कार्य करने के तरीके बताएं जाएंगे।