*इन्दौर:-बाबा यादव*
आज शुक्रवार को लोगों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता लाने एवं महिला सुरक्षा व अपराध नियत्रंण हेतु इन्दौर पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही के संबंध में आम नागरिकों, छात्र-छात्राओं आदि को इस बारें में जानकारी देनें व उक्त अपराधों की रोकथाम में उनकी सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से, पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर शहर श्री हरिनारायणाचारी मिश्र एवं पुलिस अधीक्षक मुखयालय श्री मो.युसुफ कुरैशी के मार्गदर्शन में डॉ प्रशांत चौबे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात इन्दौर द्वारा अपनी टीम के साथ न्यू ऐरा स्कूल में बच्चों के साथ इस विषय पर चर्चा हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान आईशर ग्रुप के तनवीर जावेदी, रिजर्व ग्रुप इन्दौर पुलिस संगठन की श्रीमती आरती मौर्य, श्री राकेश शर्मा एवं स्कूल की प्रिसीपल व शिक्षकगण एवं स्कूल के बच्चें उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान श्री चौबे द्वारा यातायात नियमों के साथ-साथ महिला सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की गई । उनके द्वारा अपने उद्बोधन में बताया गया कि कानून हमारी रक्षा करने हेतु बनाया गया है, जो कानून संविधान के रूप में हमारे लियेबनाये गये है। कानून हो या यातायात नियम इनका पालन करने से हम ही नही अपितु हमारा समाज/परिवार भी सुरक्षित रहता है । प्रायः देखने में आता है हम अपनी बाते परिवार वालों या दोस्तों से साझा नही करते है। जिस कारण अवसाद का सामना करना पडता है तथा विपरीत स्थिति निर्मित होने पर हम अपनी बात अपने परिजन को भी नही बता पाते है, ऐसी परिस्थिति में हमें अपनी समस्याएं अपनों को जरूर बतानी चाहियें। महिलाओं की सुरक्षा के लिये आवश्यक है कि हम किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेअर न करें और एक दूसरे की मदद के लिये आगे आये। रास्तों पर यदि कोई अनजान व्यक्ति बच्चों/महिलाओं आदि के साथ संदिग्ध परस्थिति में या उनकों रोकते हुये दिखे तो तत्काल उसे टोंकें और पुलिस को सूचना दें। संदिग्ध परिस्थिति लगने पर, लोगों की मदद लेते हुए पीड़ित की हरसंभव सहायता करने का प्रयास करें।
इसी प्रकार यातायात नियमों के पालन के प्रति भी हमें जिम्मेदार बनना चाहिये, इन्हे हल्के में नही लेना चाहियें, क्योंकि हमारी जरा सी चूक किसी गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकती है। हमारें घरों में हमेशा बच्चे गाडी चलाने के लिये उत्सुक रहते है लेकिन हर चीज का समय होता है उसे समझना चाहियें, और बच्चों के बड़े होने पर ही उन्हे गाड़ी चलाने के लिये दी जाय। गाडी हम चलाये या परिवार को कोई भी सदस्य यदि वो यातायात नियमों का पालन नही करते है तो उसका खामियाजा भुगतना पडता है और कई बार यह इतना बडा होता है हमारे परिवार का सदस्य ही हमसे दूर चला जाता है। हेलमेट को लेकर हमेशा लोगो का मानना है कि पुलिस जानबूझकर हेलमेट की कार्यवाही करती है, जबकि वास्तविकता इससे कई अधिक परे है। पुलिस लोगों की सुरक्षा हितों को ध्यान में रखकर ही, यातायात नियमों के पालन हेतु उक्त कार्यवाहियां करती है।
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