डीएनयु टाईम्स (राहुल करैय्या, लीगल वे अपडेट)
- सुप्रीम कोर्ट: देशभर के जिलाधिकारियों को निर्देश- तीन हफ्तों में हो गलियों-सड़कों पर रह रहे बच्चों की पहचान, जल्द पूरा हो इनका पुनर्वास
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देशभर के जिलाधिकारियों (डीएम) को निर्देश दिया कि वे स्पेशल जुवेनालइल पुलिस यूनिट्स, जिले के कानून सेवा प्राधिकरण और एनजीओ की मदद से गलियों और सड़कों पर रह रहे बच्चों की पहचान करें। कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए इस तरह के बच्चों के लिए बिना किसी देरी के पुनर्वास कार्यक्रम की शुरुआत हो।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीवी नागरत्न की बेंच ने कहा कि सड़कों पर रह रहे इन बच्चों की स्थिति सर्दियों के दौरान और बढ़ जाती है और इसलिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन्हें शेल्टर होम्स में रखने से जुड़े कदम तुरंत उठाने चाहिए। कोर्ट ने आदेश में कहा, “यह कोर्ट पहले भी सड़कों पर रह रहे बच्चों की पहचान और उनके पुनर्वास से जुड़े आदेश जारी कर चुकी है, लेकिन उन्हें लागू करने में अब देर नहीं की जानी चाहिए। इसलिए हम सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हैं कि वे इन बच्चों की पहचान और पुनर्वास के साथ अब इनकी जानकारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के बाल स्वराज पोर्टल पर भी अपलोड करें।”