*इंदौर:-बाबा यादव*
पिछले दिनों वृहद स्तर पर निगम के झोनल कार्यालयों के माध्यम से असंगठित श्रमिकों के पंजीयन हेतु शिविर लगाया गया था। अब तक जिले में 2 लाख से अधिक लोगों ने पंजीयन कराया, ताकि वे सस्ते दामों पर 200 प्रतिमाह में बिजली ले सकें। बड़े पैमाने पर पंजीयन कराने के बाद राज्य शासन ने आवेदकों के फार्मों की जांच का काम शुरू कर दिया है। अभी तक जांच नहीं हो पाई है। इससे पंजीयन नंबर नहीं मिल सका। इसके उलट, बिजली कंपनी के जोनों पर 200 रुपए प्रतिमाह बिजली लेने आवेदकों की भीड़ उमड़ रही है। यहां से जो फार्म बांटे जा रहे हैं,उसमें गरीबी रेखा का कार्ड, परिवार की समग्र आईडी, असंगठित मजदूर पंजीयन नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य है।
पिछले कुछ सालों से गरीबी रेखा के राशनकार्ड बनना लगभग बंद से हो गए हैं। यदाकदा ही जरुरतमंद का कार्ड जिला प्रशासन द्वारा बनाकर दिया जा रहा है। कार्ड का स्थान अनाज पर्ची ने ले लिया है। जोन द्वारा योजना का लाभ लेने उपलब्ध कराए जाने वाले आवेदन फार्म में पर्ची काम नहीं आ रही। कंपनी के कर्मचारी गरीबी रेखा का कार्ड मांग रहे हैं।
निगम के झोनल कार्यालयों से असंगठित मजदूरों के पंजीयन किए गए हैं, उनके अभी सर्वे नहीं हो सका। सर्वे के बाद अपात्र श्रमिक स्वत: ही योजना से बाहर हो जाएगा। योजना का लाभ लेने श्रमिकों ने बीच का रास्ता निकाल लिया है। श्रमिकों ने फार्म में जो जानकारी दी है, उसमें कहा कि उनके घर में फ्रीज, कलर टीवी, वाशिंग मशीन नहीं है। वहीं कुछ का कहना है कि नाले किनारे रहने से प्री-मानसून में इलेक्ट्रानिक आयटम पानी में बह गए हैं।