*इंदौर:-बाबा यादव*
शहर में अगले कुछ सालों में खुली जेल शुरू हो जाएगी। इसमें उम्रकैद के बंदी अपने परिजनों के साथ रह सकेंगे। जेल को लेकर गत दिनों राज्य शासन को जेल मुख्यालय ने प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इसके पहले सतना में जेल खोली गई है। बंदी इस जेल में दिन में अपने कामकाज और नौकरीपेशा करने करने के बाद वापस शाम को यहां आ जाया करेंगे। शहर के अलावा प्रदेश के 11 ओर केन्द्रीय जेल में इस तरह की जेल खोलने पर गंभीरता से विचार चल रहा है। एडीजी जेल संजय चौधरी के मुताबिक, प्रदेश में होशंगाबाद एवं सतना में ओपन जेल के मॉडल को अपनाते हुए अगले वर्ष तक जबलपुर, सागर व इंदौर में ओपन जेल के प्रस्ताव मंजूर हो चुके हैं। जानकारी के अनुसार ओपन जेल में 25 कैदी रखे जाएंगे। जेल के कान्सेप्ट के तहत इन जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे तथा अच्छे चरित्र वाले बंदी ही रखे जाएंगे, जिन पर 24 घंटे जेल प्रशासन की नजरें रहेंगी, ताकि वे गलत काम नहीं कर सकें। ये बंदी दुर्दान्त अपराधी नहीं होंगे, अलबत्ता जिनके हाथ किसी मजबूरीवश अपराध हो गए हैं, उन्हें इसमें रखा जाएगा। जेल निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। गत दिनों इस संबंध में जेल मुख्यालय की बैठक हुई थी, जिसमें इसे मंजूरी मिल गई है।
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