*_90 हजार वकीलों की सबसे बड़ी संस्था मप्र स्टेट बार काउंसिल के चुनाव 2 दिसंबर को_*
*25 पद के लिए पांच गुना से ज्यादा दावेदार*
*सबसे ज्यादा उम्मीदवार जबलपुर से, दूसरे व तीसरे क्रम पर ग्वालियर से 18 इंदौर से 16 दावेदार जबकि भोपाल से 13 व उज्जैन से 7 दावेदार*
*दावेदारों ने प्रदेश का चप्पा-चप्पा छाना, चुनाव प्रचार परवान चढ़ा*
*बजरंग कचोलिया*
*इंदौर। मप्र स्टेट बार काउंसिल के 2 दिसंबर को होनेवाले चुनाव को लेकर पूरे प्रदेश के विधिजगत में खासी उत्सुकताएं जाग गई है। करीब 90 हजार वकीलों की सबसे बड़ी इस संस्था में प्रतिनिधित्व के लिए पांच गुना से ज्यादा दावेदार है। सबसे ज्यादा उम्मीदवार जबलपुर से है। ग्वालियर, इंदौर, भोपाल से एक दर्जन से ज्यादा दावेदार मैदान में है जिससे चुनाव दिलचस्प हो गए है।*
पांच साल बाद एक बार फिर मप्र स्टेट बार काउंसिल के चुनाव होने जा रहे है। इसमें प्रदेशभर से वकीलों द्वारा 25 उम्मीदवारों का चयन किया जाना है जो काउंसिल में वकीलों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके लिए वकीलों में जमकर होड़ मची है। दावेदारों की अंतिम सूची में केवल 145 उम्मीदवार ही चुनाव लड़ने लायक बचे है जबकि कुल 25 वकीलों को चुना जाना है। इनमें सबसे ज्यादा उम्मीदवार जबलपुर से है जिनकी संख्या 38 है इसके बाद दूसरे क्रम पर ग्वालियर से 18 उम्मीदवार है जबकि इंदौर तीसरे क्रम पर है जहां से 16 ही उम्मीदवार है। भोपाल से 13 व उज्जैन से 7 दावेदार मैदान में है।
सूत्रों की मानें तो इस बार अनेक नए चेहरे चुनावी मैदान में है जिससे कार्यकारिणी में इस मर्तबा नए चेहरे उभरने के आसार है। काउंसिल में वर्तमान में इंदौर से चार वकील प्रतिनिधित्व कर रहे है इनमें अशोक शुक्ला, जफर अहमद खान, सुनील गुप्ता व विवेकसिंह के नाम शामिल है लेकिन इस बार शुक्ला व खान के चुनावी समर में नहीं खड़े होने से कम से कम दो सीट पर नए चेहरे उभरने के कयास लगाए जा रहे है इनमें इंदौर बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव गोपाल कचोलिया का दावा काफी मजबूत माना जा रहा है वे इंदौर बार एसोसिएशन के छह बार सचिव रहे है और कुल 9 मर्तबा जीते हुए है यदि उनके वोट बैंक में नए सदस्यों का इजाफा हो गया तो वे चुनाव जीत सकते है। उनके अलावा काउंसिल के वर्तमान सदस्य सुनील गुप्ता एवं विवेकसिंह एक बार फिर पुन: मैदान में है। जबकि महू से खड़े हुए भारतीय राष्टÑीय छात्र संगठन के पूर्व अध्यक्ष मृणाल पंत कांग्रेसी वोटों के भरोसे उलटफेर करने की कवायद कर रहे है। अन्य दावेदारों में शैलेंद्र मिश्रा, खिलाड़ीलाल गनगौरे, नरेंद्र जैन, हितोषी जय हार्डिया, कन्हैयालाल यादव, विशाल रामटेके, चंद्रप्रकाश पुरोहित, हितेश शर्मा, निमेष पाठक, विजय दुबे व अरविंद अग्निहोत्री आदि के नाम भी शामिल है। इंदौर जिले से कुल 16 उम्मीदवार होने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
*कितना लहराएंगा राजधानी का परचम….?*
प्रदेश की राजधानी भोपाल से 13 उम्मीदवार मैदान में है। इनमें राजेश व्यास, विजय चौधरी, मेहबूब अंसारी वर्तमान में भी काउंसिल की कार्यकारिणी में है और एक बार फिर किस्मत आजमा रहे है। यहां से राजकुमारी शर्मा ने भी लंबे समय से जनसंपर्क शुरू किया हुआ है, इनके अलावा जगदीशप्रसाद, महेश मौर्य, मनोज श्रीवास्तव, वीरेंद्रकुमार व अन्य भी मैदान में उतरे हुए है। देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव में राजधानी का परचम कितना लहराएंगा। अभी तो यहां से जीते हुए तीन वकील काउंसिल में है ताजा चुनाव में इनकी संख्या कायम रहेंगी या बढ़ेंगी या घटेंगी। यह अब 2 दिसंबर को वोट पड़ने के बाद ही पता चलेंगा।
*वोटों की सबसे ज्यादा मारा-मारी जबलपुर में*
पूरे चुनाव में वोटों की सबसे ज्यादा मारामारी जबलपुर में हो रही है। यहां कुल 38 उम्मीदवार होने से मतदाता वकील भी अचरज में है कि किसे चुनें और किसे नहीं। यहां से वर्तमान सदस्य मृगेंद्रसिंह, मनीष दत्त, राधेलाल गुप्ता जगन्नाथ त्रिपाठी व आरके सिंह सैनी के अलावा अनूपकुमार झा, आशीष त्रिवेदी, ब्यंकटेशप्रसाद पांडे, वीरेंद्र दुबे, द्वारिकासिंह चौहान, ज्योति रॉय, जगन्नाथ मिश्रा, मनीष तिवारी सहित कुल 38 दावेदारों के नाम सामने आएं है। प्रदेश में सबसे ज्यादा वकील भी जबलपुर से ही होने से पहली नजर में ही जबलपुर का पलड़ा तो भारी ही लग रहा है। वर्तमान में यहां से 5 सदस्य काउंसिल की मौजूदा कार्यकारिणी में प्रतिनिधित्व कर रहे है। काउंसिल के चुनाव में उज्जैन से 7 दावेदारों ने नामांकन फार्म भरा है, इनमें वर्तमान में काउंसिल के सदस्य प्रताप मेहता एक बार फिर मैदान में है। आशीष उपाध्याय सहित अन्य आधा दर्जन उम्मीदवार भी दौड़ में शामिल है। बहरहाल इस बार भी कई उम्मीदवार जातीय व राजनीतिक गणित से जीत-हार की उम्मीदें बांधे हुए है। देवास, होशंगाबाद, रीवा, सतना, शहडोल, रतलाम, मंदसौर व प्रदेश के अन्य जिलों से भी कई दावेदार उभरे है इनमें कुछ पुराने नाम है तो कुछ नए चेहरे। फिलहाल अनेक उम्मीदवार चुनाव प्रचार करते हुए प्रदेश के कोने-कोने तक वकीलों तक जा पहुंचे है। मतदान की तिथि पास आते ही प्रदेश की अदालती परिसर चुनावी रंग में रंगे नजर आ रहे है। दावेदारों में कई उम्मीदवार विभिन्न चुनावों में हारे या जीते हुए भी है जिससे कब कौन बाजी मार ले जाएंगा, कहा नहीं जा सकता। इस चुनाव में पूरे प्रदेश के सभी जिलों से वकील एक साथ आगामी 2 दिसंबर को एक ही दिन वोट डालकर अपने प्रतिनिधि चुनेंगे।
*इनका कहना है—-*
काउंसिल के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रशांत दुबे व सहायक चुनाव अधिकारी नलिनकांत बाजपेई का कहना है कि प्रदेशभर से कुल 146 उम्मीदवारों ने नामांकन फार्म जमा किए थे, अब केवल 145 उम्मीदवार ही मैदान में है।