*संभागआयुक्त ने की गूगल मीट के जरिए जल जीवन मिशन की समीक्षा*
*दिए निर्देश नल-जल योजनाओं के रख-रखाव की पुख्ता व्यवस्था बनाएं कलेक्टर श्योपुर ने जिले की दी जानकारी*
श्योपुर:-जल जीवन मिशन के तहत शहर की तर्ज पर गाँवों में भी घर-घर नल से पेयजल उपलब्ध कराने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा गाँव-गाँव में नई नल-जल योजनायें मूर्त रूप दी जा रही हैं। साथ ही हर स्कूल व आंगनबाड़ी में भी नल से पानी पहुँचाने का इंतजाम हो रहा है। दोनो संभागें के सभी जिला कलेक्टर विशेष दल गठित कर इन कामों की जांच कराएं, जिससे पूरी गुणवत्ता के साथ पेयजल संबंधी काम पूरे हो सकें। यह बात संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने गूगल मीट के जरिए हुई जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिला कलेक्टर से कही।
गूगल मीट के दौरान कलेक्टर कार्यालय श्योपुर के सभागार में कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव, सीईओ जिला पंचायत राजेश शुक्ल, एसडीएम कराहल विजेन्द्र सिंह यादव, कार्यपालन यंत्री पीएचई जिला आपूर्ति अधिकारी एसएन चौहान, सीएमएचओ डॉ बीएल यादव, होमगार्ड के कमाडेन्ट कुलदीप मलिक एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
संभाग आयुक्त सक्सेना ने कहा कि निर्माणाधीन ग्रामीण नल-जल योजनाओं का रख-रखाव तीन महीने तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कराया जाएगा। इसके बाद यह जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को निभानी है। इसलिये हर पंचायत में जल कर वसूली सहित जनभागीदारी योजना के समन्वय से नल-जल योजनाओं का संधारण कराने के लिये पुख्ता व्यवस्था बनाई जाए। श्री सक्सेना ने इस अवसर पर दोनों संभागों के सभी जिलों में हैण्डपम्पों के सतत संधारण पर भी विशेष बल दिया।
संभावित बाढ़ वाले क्षेत्रों में बचाव के पुख्ता इंतजाम रहें
संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने गूगल मीट के जरिए हुई जल संसाधन विभाग की संभाग स्तरीय निगरानी समिति की बैठक में ग्वालियर दृ चंबल संभाग के सभी जिला कलेक्टर्स से कहा कि पूर्व वर्षों के अनुभवों के आधार पर संभावित बाढ़ वाले क्षेत्रों में एहतियात बतौर सुरक्षा, बचाव व राहत के पुख्ता इंतजाम रहें। साथ ही ऐसे स्थान भी पहले से ही चिन्हित कर लें जहां लोगों को जरूरत पड़ने पर अस्थायी तौर पर विस्थापित किया जा सके। बैठक में संभाग आयुक्त सक्सेना ने कहा कि संभावित बाढ़ प्रभावित गाँवों में गर्भवती माताओं की शिफ्टिंग पहले से ही कर लें। साथ ही हर गांव में जीवन रक्षक दवाओं का पर्याप्त भण्डारण रहे। उन्होंने ऐसे गाँवों में शतप्रतिशत कोरोना टीकाकरण कराने पर भी विशेष बल दिया।
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बड़े जलाशयों के साथ-साथ विभिन्न विभागों के छोटे तालाबों को भी सूचीबद्ध करें और बरसात के दौरान उनकी निगरानी भी रखी जाए। साथ ही कहा कि बरसात के दौरान वॉट्सएप ग्रुप बनाकर जलाशयों की जानकारी लगातार साझा करते रहें।
पुलिस महानिरीक्षक श्री अविनाश शर्मा ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से कहा कि आपदा प्रबंधन में कम्युनिकेशन का विशेष महत्व है। इसलिए जलाशयों के जल स्तर के साथ-साथ पानी छोड़ने की सूचना पुलिस को भी समय से दी जाए। कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिये हर संभव उपाय किए जाएं
संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने गूगल मीट में संभाग के सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए कि वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर रोकने के लिये राज्य शासन द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देशों पर प्रभावी एंग से अमल करें। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार सेम्पल लेकर कोरोना की जांच की जाए। साथ ही किल कोरोना अभियान को प्रभावी ढंग से अंजाम दें। जिसके तहत घर दृ घर सर्वे का काम किया जाए और सर्दी, खांसी, जुकाम के मरीजों के सेम्पल लें। साथ ही उनके संपर्क में आए लोगों को चिन्हित कर सभी की कोरोना जांच कराई जाए। इसी तरह सकरे बाजारों के दुकानदारों व वहां आने वाले ग्राहकों की सेम्पलिंग का काम भी विशेष प्राथमिकता से हो। श्री सक्सेना ने पुख्ता रणनीति के
तहत कोरोना टीकाकरण अभियान चलाने और तीसरी लहर को ध्यान में रखकर सभी जिलों में अतिरिक्त आईसीयू वार्ड, पीडियाट्रिक वार्ड आदि की व्यवस्था भी जल्द से जल्द मुकम्मल करें। साथ ही विशेष रूप से पीडियाट्रिक चिकित्सकों को ट्रेनिंग भी दिलाई जाए।
श्योपुर कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव ने गूगल मीट के दौरान अवगत कराया कि श्योपुर जिले के पेयजल व्यवस्था कों चुस्त और दुरूस्त बनाने के प्रयास किये जा रहे है। साथ ही पीएचई विभाग के माध्यम से खराब नलजल योजना और हैण्डपम्पों को अभियान के रूप में दुरूस्त कराने की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार स्वीकृत नलजल योजना एवं हैण्डपम्पों के कार्यो को गति दी जा रही है। उन्होने कहा कि कोविड-19 के अतंर्गत तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से इंजताज प्रारंभ कर दिये गये है। इसके अलावा बाढ नियंत्रण की दिशा में बैठक आयोजित कर व्यवस्थाओं के बारे में अधिकारियों को जिम्मेदरी सौप दी गई है।