डीएनयु टाईम्स(अभिषेक बड़जात्या)
मध्यप्रदेश में बारिश और बाढ़ का तांडव:-ताश के पत्तों की तरह बह गए पुल,सरकार ने जांच बैठायी
भोपाल
मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल में आसमान से बरस रही बारिश ने तांडव मचा दिया है. बाढ़ और बारिश के कारण ना सिर्फ मकान-दुकान, खेत-खलिहान, सड़क तबाह हो गया बल्कि बांधों ने तो कहर बरपा दिया. बांध के गेट खोलने से सिंधु, सीप नदी ने तबाही मचा दी और करोड़ों की लागत से तैयार हुए 6 पुल ताश के पत्तों की तरह बह गए. इनमें से चार पुल ऐसे थे जो 10 से 12 साल पहले ही शिवराज सरकार के दौरान बनाए गए थे. पुल बारिश और बाढ़ का बहाव नहीं झेल पाए. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच और जवाबदेही तय करने की मांग की है.सिंधु नदी के तेज पानी में रतनगढ़ वाली माता मंदिर का पुल, दतिया में सिंध नदी पर बना बड़ा पुल बह गया
जानकारी के मुताबिक इन 6 पुलों के निर्माण में 35 से ₹40 लाख की लागत आई थी. हालांकि विभागीय सूत्रों का कहना है अभी भी पानी का बहाव खासा तेज है. जब पानी उतरेगा तो पुलों को पहुंचे नुकसान का आंकलन किया जाएगा. इस बात की भी जांच होगी कि क्या पुल का निर्माण करते वक्त मानकों का ध्यान रखा गया या नहीं
ताश के पत्तों की तरह बहे पुल
सिर्फ पुल पुलिया ही नहीं बल्कि बाढ़ और बारिश के कारण कई जगह पर सड़क बुरी तरह उखड़ गई. सड़कों के छोटे-छोटे टुकड़े पानी के बहाव के साथ बह गए. शुरुआती आंकलन में सड़कों में 8 से 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हालांकि बाढ़ का पानी उतरने के बाद इस बात का आंकलन होगा कि कितने मीटर और कितने किलोमीटर की सड़कों को पानी के बहाव से नुकसान पहुंचा है. नुकसान का आंकड़ा और बढ़ सकता है*
इन छह पुलों पर पानी और बाढ़ ने कहर बरपाया
रतनगढ़-बसई का पुल 2010 में बना था. लागत थी 5.9 करोड़
इंदरगढ़-पिछोर का पुल 2013 में बना लागत थी 10 करोड़
दतिया-सेवढ़ा पर 1982 में पुल बना लेकिन लागत का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है
श्योपुर जिले में गिरधरपुर-मानपुर में 1985 में पुल बना इसका रिकॉर्ड नहीं है
श्योपुर-बड़ौदा पर 2013 में पुल बना लागत आई 3.94 करोड
भिंड के गोरई-अडोखर में तो 2017 में 13.71 करोड़ से पुल बना था
कमलनाथ ने उठाए सवाल
हाल ही में बने पुल जब बाढ़ में बहे तो विपक्ष हमलावर हो गया. नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा प्रदेश के दतिया जिले में बारिश से रतनगढ़ और संकुआ पुल बहना बेहद गंभीर और चिंताजनक है. करोड़ों की लागत से हाल ही में बने पुल बारिश के पानी में पत्ते की तरह बह गए. कैसा निर्माण कार्य? इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो,जवाबदेही तय हो
जांच का आदेश
राज्य सरकार ने जांच शुरू कर दी है. पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने दतिया के रतनगढ़ बसई में सिंध नदी पर बने पुल और इंदरगढ़ पिछोर मार्ग पर निर्मित पुल के क्षतिग्रस्त होने की जांच का आदेश दे दिया है. अधीक्षण यंत्री सेतु मंडल एमपी सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो 7 दिन के अंदर जांच कर अपना प्रतिवेदन देगी. समिति में कार्यपालन यंत्री सागर संभाग पीएस पंत और एसडीओ सेतु संभाग भोपाल अविनाश सोनी को भी शामिल किया गया है