*स्नेहा के गोद में आते ही चहक उठती है पायल*
*जितेन्द्र भावसार*
बड़वानी:- बेबी”स्नेहा” की मुस्कान और प्रतिउत्तर से अब “पायल” भी चहकने लगी है। पायल चहके भी क्यों न, अब उसकी 11 माह की पुत्री स्नेहा सबल होकर हाथ-पैर जो चलाने लगी है। माता के अंग से अब लिपटने के साथ-साथ आंचल के लिए भी मचलने जो लगी है।
ग्राम धमनई की श्रीमती पायल चौहान अपनी 11 माह की पुत्री बेबी स्नेहा के साथ घर लौटते समय उसके चेहरे की चमक और खुशी देखकर जिला चिकित्सालय के पोषण पुनर्वास केंद्र का हर कर्मी भी खुश है । उन्हें 12 जून का वह दिन भी याद है जब उनके केंद्र में श्रीमती पायल चौहान अपनी 11 माह की पुत्री को 5.5 किलोग्राम वजन होने के कारण लेकर भर्ती हुई थी । उस वक्त मां और पुत्री दोनों गुमसुम थे। कारण बड़ा स्पष्ट था, पुत्री कुपोषण से शारीरिक कमजोरी के कारण गुमसुम थी तो मां, पुत्री की इस स्थिति और अज्ञात भय के कारण गुमसुम थी।
किंतु शनिवार 26 जून को जब मां और पुत्री पोषण पुनर्वास केंद्र से अपने घर वापस लौट रही थी, तब पुत्री की चंचलता के कारण मां भी खुश थी। पुत्री की हर चेष्टा पर मां भी प्रतिउत्तर में उसे अपना प्यार और दुलार दे रही थी । और यह सब हो पाया है पोषण पुनर्वास केंद्र में मिली देखभाल और पोषण आहार के कारण।
पोषण पुनर्वास केंद्र की श्रीमती तिलोत्तमा गुप्ता बताती है कि अब स्नेहा का वजन बढ़ कर 6.365 किलोग्राम हो गया है । जिसके कारण अब वह अपने समआयु के बच्चों के समकक्ष आ गई है। जिसके कारण वह अपने सहज बुद्धि से हर वह कार्य कर रही जो उसे इस आयु में करना चाहिए । केंद्र पदाधिकारी डॉ प्रतिसा मंडलोई बताती है कि कुमारी स्नेहा और उसकी मां श्रीमती पायल चौहान को केंद्र में 14 दिन भर्ती होने के दौरान प्रतिदिन 24 घंटे में 8 बार डाइट दी गई। और माता को भी बताया गया कि वे इस डाइट नियम को घर पर भी पहुंचकर जारी रखें । जिससे उनकी पुत्री फिर कभी कुपोषण की सीमा में नहीं आने पाए ।