*गाय के जबड़े से निकाली पौने दो किलो की गठान सफल रहा ऑपरेशन अब खाने लगी है घांस*
*महू:-बाबा यादव*
हम बता दे कि महू शहर जिला धार में स्थित गौशाला में 3 साल की एक गाय (बछड़ा) जो कि पिछले तीन माह से जबडे के बाहर आ जाने से पीड़ित थी और सही तरह से अपना दैनिक आहार और चारा भी नही खा पा रही थी। यह देख इंदौर संभाग के संयुक्त संचालक डॉ.सीएस डाबर की अनुशंसा के आधार पर इस गाय को पशुपालन महाविद्यालय महू के हॉस्पिटल में पंजीकृत करवाया गया इसके बाद यहां सर्जरी विभाग में पंहुचाया गया जंहा डॉ बी.पी.शुक्ला, मेडम करिश्मा जैन एवं डॉ अतुल परिहार और विभाग के स्नातकोत्तर अध्ययनरत छात्र डॉक्टरों की टीम ने 3 घंटे के सफल व अथक प्रयास के बाद 1 किलो 730 ग्राम की गठान को जबड़े से अलग किया गया। सर्जरी के बाद अब फिलहाल की स्थिति में उक्त गाय पूरी तरह स्वस्थ हैं और चारा भी खाने की कोसिस करने लगी है। महू विश्वविद्यालय के संचालक क्लीनिक डॉ आर के बघेरवाल ने उक्त मामले में जानकारी देते हुए कहा की मेडिकल के तहत अस्पताल में पंजीयन के बाद पशुओं की बीमारी के आधार पर उसे विभिन्न विभागों में रेफर कर दिया जाता है ।हमारे महाविद्यालय के अस्पताल में अन्वेषण जांच एवं चिकित्सा की पूरी सुविधा उपलब्ध है। डॉ बघेरवाल ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कुलपति डॉ एस पी तिवारी के निर्देशन में विश्वविद्यालय के तीनों महाविद्यालय रीवा, जबलपुर और महू क्लीनिक को सभी प्रकार के रोग अन्वेषण एवं आधुनिक पैथोलॉजी लैबोरेट्री की सुविधाएं देकर उन्हें उन्नत किया जा रहा है, ताकि पशुवों व पशुपालकों को ऐसे मामलों में त्वरित चिकित्सा का लाभ मिल सके। जिससे कि विश्वविद्यालय को पशुवों व इनके पालको की सेवा के साथ ही विद्यालय को भी कुछ आय हो ताकि इस राशि का उपयोग पशु कल्याण के लिए किया जा सके। डॉक्टर बघेरवाल ने बताया की शल्य चिकित्सा के बाद यह बीमारी यानी जबड़े और दांत का कैंसर ओडोनटोमा (odontoma) है या नही यह परखने के लिए इसे जांच हेतु महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग में भेजा गया है।