*दो भाभी और ननंद अपने दो दुग्धमुह बच्चो के साथ कोरोना को हरा कर सकुशल पहुंची घर*
*उन्होंने कहा कोविड केअर सेंटर में स्टाफ के अपनत्व के कारण कभी नही लगा कि वे अस्पताल में भर्ती है:-धन्यवाद कलेक्टर साहब*
*बड़वानी:-जितेन्द्र भावसार*
कोविड प्रभावितों के उपचार में दवा के साथ – साथ अपनत्व भरा अहसास और पारिवारिक माहौल से पीड़ितो को जल्दी ठीक करने में बहुत मदद मिलती है। यह खेतिया के कोविड केअर सेंटर में प्रतिदिन देखने को मिल रहा है। जहाॅ से टीक होकर घर जाने वाले लोग सेंटर में पदस्थ डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की देखभाल, अपनत्वभरे व्यवहार की प्रशंसा करते नही थकते। इसका ही नतीजा है कि अभी तक इस कोविड केअर सेंटर से 99 रोगी ठीक होकर अपने घर खुशी-खुशी वापस लौट गये है।
इस सेंटर से ठीक होकर घर लौट रही कुमारी हर्षिता गोले कहती है कि वे अपनी भाभी श्रीमती ममता गोले एवं श्रीमती माधुरी गोले के साथ इस सेंटर पर भर्ती हुई थी। दोनो भाभियों के साथ ढाई वर्ष का पुत्र और 7 माह की पुत्री को भी मजबूरी में लाना पड़ा था। सेंटर पर आते समय वे अत्यन्त घबरा रही थी, कि ईलाज के दौरान दोनो बच्चो की परवरिश किस प्रकार कर पायेंगे। किन्तु यहाॅ के डाक्टरो-पैरामेडिकल स्टाफ के अपनत्वभरे व्यवहार से कभी लगा ही नही कि वे अस्पताल में रहकर कोविड का उपचार करा रही है। पैरामेडिकल के सदस्यो ने बच्चो की देखभाल भी परिवार के सदस्यो के समान किया। जिसका नतीजा है कि हम सभी स्वस्थ होकर अपने बच्चो के साथ घर लौट रहे है।