*किसानों के खेतों में तरबूज खराब हो रहे हरा धनिया भी हो रहा खराब किसान कर रहे हैं खड़ी फसल में हकाई*
*मंडियां बंद होने से किसानों की हो रही फजीहत हाल बत से बत्तर*
*बाबा यादव*
इंदौर:-कोरोना महामारी के चलते जिले में हुई मंडी बंद से किसान काफी परेशान है खेतों में किसानों की सब्जी ,फल, फूल इन दिनों पककर तैयार हैं ऐसे में किसान अपनी फसल बेचने जाए तो कहां जाए कुछ दिनों पहले तो जैसे तैसे किसान मुसीबत लेकर मंडी पहुंच जाते थे परंतु पिछले दिनों से अचानक हुई सख्त तालाबंदी व मंडीया बंद होने से किसान की खड़ी फसल खेतों में ही खराब हो रही है । इंदौर जिले के गांव बालोदा टाकुन के किसान विनोद पिता कल्याण सिंह ने करीब 3 बीघा के तरबूज खेत में लगा रखे है जो पक कर तैयार है पर ज्यादा समय से तुडाई नहीं होने से तरबूज फटने लगे हैं लॉकडाउन व मंडी बंद होने से खेत में ही खराब हो तरबूज से किसान की आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है विनोद ने बताया कि हाइब्रिड बीज खेत में लगाया खाद,बीज,दवाई
हकाई ,जुताई, गुड़ाई में 60000 रु खर्च हो गए इसके बावजूद भी मेरे हाथ कुछ नहीं लगा जल्द मंडियां चालू की जानी चाहिए।
रतन खेड़ी गांव के किसान मोहन पिता रंजीत सोनगरा ने भी 5 बीघा खेत में तरबूज लगाया है किसान ने ड्रिप द्वारा सिंचाई व्यवस्था कर लाखों रुपए खर्च किए पर आज उनके हाथ में कुछ नहीं किसान की मांग है कि शासन हमें कोई राहत दे व मंडियां जल्द चालू की जाए।
देपालपुर तहसील के गांव में बैगंदा के किसान विकास पिता सज्जन सिंह ने करीब डेढ़ से 2 बीघा का धनिया खेत में लगाया था किसान ने बताया कि लागत लगाकर भी हमारे हाथ कुछ नहीं लगा उल्टा कर्ज के तले दबते जा रहे हैं खड़े धनिया में ट्रैक्टर से हकाई कर दी है शासन से कोई राहत मिल जाती तो अगली फसल की तैयारी करेंगे*
बोरिया बेटमा के किसान सतीश मकवाना ने बताया कि भिंडी और टेमसी खेत में लगा रखी है मंडिया बंद होने के कारण खेत में ही खराब हो रही जिससे नुकसान उठाना पड़ रहा जल्द ही मंडी चालू की जाए
भारतीय किसान मजदूर सेना के प्रदेश अध्यक्ष बबलू जाधव ने कहा कि लॉकडाउन व मंडिया बंद होने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है पिछले 2 सालों से फल, फूल, सब्जी,दूध ,अनाज उत्पादक किसान की हालत खस्ता है मंडियां बंद होने से फसलें खेतों में ही खराब हो रही है शासन स्तर से भी अब तक कोई राहत राशि किसानों को नहीं मिली है हमारी मांग है कि जल्द मंडियां चालू की जाए जिससे किसान अपनी थोड़ी बहुत बच्ची हुई फसलें मंडियों में बेच सकें वही किसानों को जो नुकसान हुआ उसकी क्षतिपूर्ति शासन द्वारा की जाए