*“विश्व हृदय दिवस का संकल्प”*
“`नियमित जीवनशैली है हृदय के लिए वरदान।
पौष्टिक आहार के साथ रखना होगा हृदय का ध्यान॥
तनावमुक्त रहने का हमें लेना होगा संकल्प।
व्यायाम और सैर के अलावा नहीं है कोई विकल्प॥
धूम्रपान को न दे कभी भी जीवन में स्थान।
अच्छे दिल का तो करते सभी कवि भी गुणगान॥
कम चर्बी युक्त भोजन को बनाए जीवन का हिस्सा।
दिल की समस्याओं का फिर नहीं होगा कोई किस्सा।।
हृदय के प्रति जागरूकता है अति आवश्यक।
निष्क्रिय जीवनशैली है हृदय की सुरक्षा में बाधक।।
अच्छे कोलेस्ट्रॉल की होती है शरीर को आवश्यकता।
इसी उद्देश्य से प्रतिवर्ष 29 सितंबर को फैलाई जाती है जागरूकता॥
किसी भी उम्र में हो सकती है हृदय संबंधी बीमारी।
इसलिए सही समय पर लेते रहें चिकित्सक से जानकारी॥
उच्च रक्तचाप, मधुमेह और थकान संबन्धित समस्याओं को न समझे तुच्छ।
उचित उपचार से हम ठीक कर सकते सब कुछ॥
ताजे फल और सब्जियों को करना होगा जीवनशैली में शामिल।
तभी हम उत्तम स्वास्थ्य के होंगे काबिल॥
24×7 अविराम कार्य करता हृदय तटस्थ।
डॉ. रीना कहती, मात्र आधा घंटा देकर बनाए हृदय को स्वस्थ॥“`
*डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका) की कलम से DNU Times पर*