*इंदौर:-बाबा यादव*
आरटीओ कार्यालय में पदस्थ अधिकारी और बाबू अपने हिसाब से कानून बनाते है और रिश्वतखोरी करने में पीछे नहीं रहते है। केन्द्र सरकार के कानून और नियमों को इंदौर आरटीओ और उनके अधिनस्थ अधिकारी नहीं मानते है। वाहनों के फिटनेस में ऐसे ही रिश्वतखोरी करने पर ट्रक आॅपरेटर एसोसिएशन ने देवास नाका फिटनेस सेंटर पर अधिकारियों को घेर लिया तो अधिकारी मुंह लटकाकर मांफी मागने लगे।
रिश्वत मांगने वाले आरटीओ के अधिकारियों को अंदाजा भी नहीं था कि उनकी इन करतूतों को लेकर बडा विवाद हो सकता है। हुआ यू कि देवास नाका स्थित फिटनेस सेन्टर पर फिटनेस का कार्य देख रहे आरटीआई के एस राठी और बाबू दिनेश शर्मा ने फिटनेस के लिए आने वाले ट्रकों के पहियों की जांच की और जिन वाहनों में रिमोल्ड टायर लगे थे उनके फिटनेस करने से इंकार कर दिया। यहीं नहीं जिन्हे फिटनेस करवाना है उनसे 1000 रूपए अतिरिक्त मांगे जाने लगे। रिमोल्ड टायरों के ट्रकों से जब रिश्वत के तौर पर 1000 रुपए मांगने लगे तो वाहन मालिकों ने ट्रक आॅपरेटर एसोसिएशन को सूचना कर दी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्रसिहं त्रेहान अपने साथियों के साथ सूचना मिलते ही फिटनेस सेंटर पहुंचे ओर वहां मौजूद आरटीआई केएस राठी और बाबू दिनेश शर्मा के पूछा कि किस आदेश के तहत रिमोल्ड टायरों के वाहनों का फिटनेस करने से मना कर रहे है और 1000-1000 रुपए की मांग कर रहे है। इस पर दोनों अधिकारियों बाबूओं ने एआरटीओ अर्चना मिश्रा का नाम लिया और कहा कि उनके कहने पर ऐसा कर रहे है। एसोसिएशन के अध्यक्ष त्रेहान ने जब एआरटीओं अर्चना मिश्रा से चर्चा की तो वे आदेश तो नहीं दिखा पाई और उल्टा माफी मांगी। फिटनेस सेंटर पर करी एक घंटे विवाद चलने एसोसिएशन द्वारा आदेश मांगन के बाद निरुत्तर रहे अधिकारियों ने वाहनो के फिटनेस करना शुरू कर दिया।
आरटीओ ने दिया तर्क आपके वाहन हो तो बताएं
एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्रसिंह त्रेहान और अन्य पदाधिकारियों ने जब आरटीओ जितेन्द्रसिंह रघुवशी से पूछा कि किस आदेश के तहत 1000 रुपए अतिरिक्त प्रत्येक वाहनों से मांग रहे है तो पहले वे अपने रौब में दिखे मगर त्रेहान का गुस्सा देखकर बोले कि आपके वाहन हो तो बता दे। इस पर त्रेहान ने कहा कि मेरे नहीं किसी भी आपरेटर के वाहन पर आपत्ति नहीं होना चाहिए और गाडियों के फिटनेस करें। इस पर आरटीओं ने कहा कि मेरे द्वारा ऐसे कोई आदेश नही दिए गए है और वाहनों के फिटनेस पूर्व की भांति होते हरेंगे।
नियमों में है रिमोल्ड टायर का उपयोग करें
रिमोल्ड टायर बनाने वाली कंपनियों के अनुसार और केन्द्रीय मोटर व्हीकल एक्ट में साफ लिखा है वाहनों में पीछे के टायर रिमोल्ड लगा सकते है और एक टायर को दो बार रिमोल्ड किया जा सकता है । वाहन मालिक बरसात में सड़कों के खराब होने के कारण रिमोल्ड टायरों का उपयोग करते है । आरटीओ यदि इस नियम पर आपत्ति दर्ज कराता है तो पहले रिमोल्ड करने वाली कंपनियों को बंद किया जाएं।
*राजेन्द्रं सिंह त्रेहान, अध्यक्ष ट्रक एसोसिएशन*
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